विवि की प्रतिष्ठा से ज्यादा पाठ्यक्रमों को तरजीह दे रहे 52 प्रतिशत विद्यार्थी

By भाषा | Published: October 20, 2021 07:18 PM2021-10-20T19:18:27+5:302021-10-20T19:18:27+5:30

52 percent students are giving preference to courses more than the prestige of the university | विवि की प्रतिष्ठा से ज्यादा पाठ्यक्रमों को तरजीह दे रहे 52 प्रतिशत विद्यार्थी

विवि की प्रतिष्ठा से ज्यादा पाठ्यक्रमों को तरजीह दे रहे 52 प्रतिशत विद्यार्थी

नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर विदेश में पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले कम से कम 52 प्रतिशत विद्यार्थी विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा के मुकाबले विशिष्ट पाठ्यक्रमों को तरजीह दे रहे हैं। एक नवीनतम अध्ययन में यह जानकारी दी गई है।

वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी वेस्टर्न यूनियन द्वारा नीलसन आईक्यू द्वारा कराए गए अध्ययन के नतीजों के मुताबिक अब 64 प्रतिशत विद्यार्थी उन देशों और विश्वविद्यालयों को पढ़ाई के लिए प्राथमिकता दे रहे हैं जहां पर प्रवेश परीक्षा या अंग्रेजी में पांरगत होने की अनिवार्यता नहीं है।

अध्ययन में कहा गया, ‘‘विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों में आश्चर्य करने वाली परिपाटी देखने को मिल रही है, अब अधिकतर (52 प्रतिशत) विद्यार्थी चुनाव के लिए विशिष्ट पाठ्यक्रम को प्राथमिकता दे रहे हैं, बजाय के विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा को। विद्यार्थी उन पाठ्यक्रमों में प्रवेश चाहते हैं जो हटकर हैं लेकिन धीरे-धीरे महत्व प्राप्त कर रहे हैं और इसके लिए वे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के समूहों से परे देख रहे हैं जो इस तरह के पाठ्यक्रमों की पेशकश नहीं करते।’’

अध्ययन में कहा गया,‘‘ इसका संबंध बाधा से भी है, परीक्षा उत्तीर्ण करना विद्यार्थियों (64 प्रतिशत के लिए) की सबसे बड़ी बाधा है, जिससे वे उन देशों और विश्वविद्यालयों को चुन रहे हैं जहां पर प्रवेश परीक्षा नहीं होती और अंग्रेजी में पारंगत होना अनिवार्य नहीं है। धन संबंधी चिंता खासतौर पर वित्त और वित्तीय योजना अहम बाधा है जो विद्यार्थियों और अभिभावकों दोनों ने व्यक्त की और बताया कि पूरी प्रक्रिया को तय करने में यह अहम भूमिका निभाती है।’’

‘‘एजेुकेशन ओवरसीज- ऐन इवोलविंग जर्नी’ शीर्षक से किए गए अध्ययन में करीब आधे (45 प्रतिशत) विद्यार्थियों ने बताया कि उनकी प्राथमिकता ‘आत्म निर्भरता’ और ‘अपनी शर्तों पर जीने’’ का अवसर विदेश में पढ़ाई की प्रेरणा देते हैं।

अध्ययन के मुताबिक, ‘‘पूर्व की परिपाटी के विपरीत अब प्रत्येक पांच विद्यार्थी में से एक (22 प्रतिशत) अध्ययन के लिए आयरलैंड, तुर्की और स्पेन जैसे गैर पारंपरिक स्थानों को प्राथमिकता दे रहा है। पारंपरिक पाठ्यक्रमों के मुकबाले डाटा विश्लेषण, कृत्रिम बुद्धिमता, डिजिटल विपणन, साइबर सुरक्षा, नैतिक हैकिंग और इकोटेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता प्राथमिकता बन रही है और करीब 52 प्रतिशत विद्यार्थी इन विषयों की विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक हैं।’’

अध्ययन के मुताबिक, ‘‘महामारी की वजह से शुरू हुई हाइब्रिड पढ़ाई (ऑनलाइन और ऑफलाइन) मुख्य धारा में आ गई है और अब 46 प्रतिशत विद्यार्थी ऐसे मॉडल को प्राथमिकता दे रहे हैं। विद्यार्थी अब नौकरी और बेहतर शिक्षा के बजाय अन्य संस्कृतियों को जानने (43 प्रतिशत) के लिए यात्रा को प्राथमिकता दे रहे हैं।’’

गौरतलब है यह अध्ययन 807 लोगों के जवाब पर आधारित हैं जिनमें 12 शहरों के विद्यार्थी, उनके माता-पिता, दादा-दादी और करियर परामर्शदाता शामिल हैं। यह सर्वेक्षण जनवरी से जून महीने के बीच किया गया।

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Web Title: 52 percent students are giving preference to courses more than the prestige of the university

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