देशभर के मदरसों में पढ़ा रहे करीब 50,000 शिक्षक धरने पर बैठने जा रहे हैं। मदरसा शिक्षकों का आरोप है कि बीते दो सालों उन्हें केद्र सरकार की योजना, मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (SPQEM) के तहत वेतन नहीं मिल रहा है। वेतनमान के भुगतान की मांग को लेकर आठ जनवरी को शिक्षक लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करेंगे। इन शिक्षकों की मदरसा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (SPQEM) के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
50,000 शिक्षकों ने दिए नौकरी छोड़ने के संकेत
मदरसों के पंजीकृत 16 राज्यों के 50,000 शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहे हैं। इनमें बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे मुख्य राज्य शामिल हैं। सोलह राज्यों के मदरसा शिक्षकों को केंद्रीय योजना के तहत मिलने वाली राशि का दो वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है। ‘केंद्र सरकार ने वर्ष 2016-17 के लिए 296.31 करोड़ रुपया जारी नहीं किया है।
क्या है SPQEM योजना
मदरसों में बेहतर तालीम मुहैया कराने के मकसद से साल 2008-09 तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह योजना शुरू की थी। इसके तहत शिक्षकों के वेतन का महत्वपूर्ण हिस्सा केंद्र की ओर से दिया जाता है। इस योजना के तहत ग्रेजुएट टीचरों को 6000 और पीजी टीचरों को 12,000 रुपये का भुगतान केंद्र सरकार की ओर से किया जाता है। यह राशि उनके कुल वेतन का 75 और 80 प्रतिशत है। बाकी की राशि संबंधित राज्य सरकारों की ओर से दी जाती है।