तीन वर्षों में आतंकी, उग्रवादी घटनाओं में 400 जवानों ने गंवाई जान - गृह मंत्रालय ने दी जानकारी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 22, 2018 07:54 AM2018-11-22T07:54:22+5:302018-11-22T07:54:22+5:30

बीएसएफ के सबसे अधिक जवान शहीद हुए हैं. इस बल ने 2015 से 2017 के बीच 167 जवानों को खोया. इनमें से अधिकतर अति संवेदनशील सीमा पर पहरेदारी करते समय शहीद हुए. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

400 Soldiers sacrificed their lives in terrorist encounter for last 3 years, home ministry report | तीन वर्षों में आतंकी, उग्रवादी घटनाओं में 400 जवानों ने गंवाई जान - गृह मंत्रालय ने दी जानकारी

तीन वर्षों में आतंकी, उग्रवादी घटनाओं में 400 जवानों ने गंवाई जान - गृह मंत्रालय ने दी जानकारी

नई दिल्ली, 22 नवंबर: भारत-पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी, आतंकी और उग्रवादी गतिविधियों के कारण पिछले तीन साल में सुरक्षा बलों के करीब 400 जवानों ने जान गंवाई है. इनमें बीएसएफ के सबसे अधिक जवान शहीद हुए हैं. इस बल ने 2015 से 2017 के बीच 167 जवानों को खोया. इनमें से अधिकतर अति संवेदनशील सीमा पर पहरेदारी करते समय शहीद हुए. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

अधिकारी ने बताया कि बीते तीन साल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 103 जवानों ने कुर्बानी दी. इनमें से अधिकांश नक्सली गतिविधियों और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सामना करते हुए शहीद हुए. बीएसएफ ने 2015 में 62, 2016 में 58 और 2017 में 47 जबकि सीआरपीएफ ने 2015 में 9, 2016 में 42 और 2017 में 52 जवानों को खो दिया. अधिकारी ने कहा कि 2015 में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के 16, 2016 में 15 और 2017 में 17 जवान शहीद हुए थे. एसएसबी भारत-भूटान और भारत-नेपाल सीमा की रक्षा करता है. यह बल आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों के निर्वहन के लिए भी तैनात किया जाता है.

2015 और 2017 के बीच भारत-चीन सीमा पर तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) से जुड़े कुल 40 कर्मियों की मौत हो गई थी. इनमें से 15 जवान 2015 में, जबकि 2016 में 10 और 2017 में 15 जवानों ने शहादत दी. भारत-म्यांमार सीमा की रक्षा करने और पूर्वोत्तर में आतंकियों से लोहा लेने वाले असम राइफल्स के कुल 35 जवान इन तीन वर्षों में शहीद हुए. इस बल के 2015 में 18, 2016 में नौ और 2017 में आठ जवानों ने शहादत दी.

सीआईएसएफ ने दो जवानों को खोया : केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने पिछले तीन वर्षों में कार्रवाई में दो जवानों को खो दिया. इनमें से एक 2016 में और 2017 में एक जवान शहीद हुआ. हालांकि 2015 में सीआईएसएफ का कोई जवान शहीद नहीं हुआ. सीआईएसएफ विमानपत्तनों, परमाणु प्रतिष्ठानों, मेट्रो रेल सेवाओं और अन्य संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा करती है.

 

Web Title: 400 Soldiers sacrificed their lives in terrorist encounter for last 3 years, home ministry report

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