यूपी में 40 हजार अपात्र महिलाएं पा रही थी विधवा पेंशन, पकड़ा गया घोटाला
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 21, 2025 20:35 IST2025-06-21T20:35:00+5:302025-06-21T20:35:20+5:30
अब प्रदेश की योगी सरकार में पति की मृत्यु के बाद मिलने वाली निराश्रित महिला पेंशन योजना में 40 हजार से अधिक अपात्र महिलाओं के खाते में पेंशन राशि भेजे जाने का मामला पकड़ में आया है.

यूपी में 40 हजार अपात्र महिलाएं पा रही थी विधवा पेंशन, पकड़ा गया घोटाला
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सरकार चाहे मायावती की रही हो या अखिलेश यादव की या फिर वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की, हर सरकार में विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाने वाली पेंशन में घोटाला होता रहा है. मायावती सरकार में समाज कल्याण विभाग ने हजारों मरे हुए लोगों को वृद्धावस्था पेंशन बांटने का कारनामा किया था. इसी प्रकार अखिलेश यादव की सरकार समाजवादी पेंशन योजना के तहत करीब साढ़े लाख अपात्र लोगों को पेंशन देने का घोटाला किया गया था.
अब प्रदेश की योगी सरकार में पति की मृत्यु के बाद मिलने वाली निराश्रित महिला पेंशन योजना में 40 हजार से अधिक अपात्र महिलाओं के खाते में पेंशन राशि भेजे जाने का मामला पकड़ में आया है. फिलहाल विभाग ने निराश्रित महिला पेंशन योजना की सूची से उन अपात्र महिलाओं के नाम पात्रों की सूची से काट दिए हैं. प्रदेश की महिला कल्याण निदेशक संदीप कौर ने इस मामले की जांच करवाकर जल्दी ही सीएम ऑफिस को इस बारे में जानकारी देंगी.
ऐसे हुई धांधली :
महिला कल्याण निदेशक संदीप कौर के अनुसार, प्रदेश में विधवाओं की सहायता के लिए सरकार निराश्रित महिला पेंशन का संचालन कर रही है. इस योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र वाली विधवा महिलाओं को वर्तमान में मासिक पेंशन के रूप में एक हजार रुपए की राशि दी जाती है. बीते साल इस योजना के तहत 35.30 लाख विधवा महिलाओं को पेंशन दी गई. कुछ समय पहले इस योजना में कुछ अपात्र महिलाओं को योजना की धनराशि दिए जाने की शिकायत विभाग को मिली. इसी के बाद महिला कल्याण विभाग ने मई में इस योजना के सभी लाभार्थियों का सत्यापन कराया.
इस कवायद से यह पता चला की पेंशन लेने वालों की सूची में 40 हजार से थोड़ी अधिक अपात्र महिलाओं के नाम शामिल हैं. अपात्रता के जो मामले पकड़ में आए हैं, उनमें अधिकांश महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है. कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिनमें महिलाओं ने पुनर्विवाह कर लिया और उसके बाद भी उनका नाम पेंशनरों की सूची में शामिल था. जबकि कुछ महिलाएं ऐसी भी मिली जो कामकाज को लेकर अन्य राज्यों में चलती गई हैं लेकिन खाते में पेंशन की राशि अभी भी भेजी जा रही है.
अब ऐसे सभी नामों को लाभार्थियों की सूची से हटाया जा रहा. संदीप कौर का कहना है कि अपात्रों के नाम पर महिलाओं के खाते में कितनी पेंशन भेजी गई है? इसकी जानकारी की जा रही है. अभी यह नहीं का जा सकता कि निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत कितने लाख या करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. उनका कहना है कि इस खुलासे के बाद अब पात्र महिला पेंशनरों को योजना के तहत जुलाई में तीन माह की पेंशन का भुगतान किया जाएगा.
मायावती और अखिलेश सरकार में भी हुआ था घोटाला :
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के मायावती सरकार में तीन हजार से अधिक मारे लोगों को वृद्धावस्था पेंशन का भुगतान कई वर्षों तक किया गया. अखिलेश यादव की सरकार में इस घोटाले का पता चला था. इसी तरफ से अखिलेश यादव की सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना में अरबों रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ. योगी सरकार में हुई जांच में पता चला था कि प्रदेश भर में 4.50 लाख अपात्रों को पेंशन दी गई थी. समाजवादी पेंशन योजना साल 2014-15 में शुरू हुई थी. प्रदेश के 75 जिलों के 54 लाख लाभार्थियों को योजना से लाभान्वित किया गया था.
इस योजना के तहत जिले के लाभार्थियों को तिमाही किस्त के तौर पर 1500 रुपए उनके बैंक अकाउंट में भेजे गए थे. योगी सरकार की जांच में यह पता चला था कि साढ़े चार लाख अपात्रों को पेंशन देने में सरकार को 10.80 अरब रुपए की चपत लगी थी. इसके बाद यह दावा किया गया था कि सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं की पेंशन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी. इस व्यवस्था के बाद भी योगी सरकार में 40 हजार अपात्र महिलाओं को पेंशन की धनराशि उनके खाते में भेज दी गई है.