Parliament Winter Session: "नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में आई 36 फीसदी की कमी", केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने संसद में दी जानकारी

By आकाश चौरसिया | Published: December 5, 2023 04:25 PM2023-12-05T16:25:07+5:302023-12-05T16:59:00+5:30

संसद में पूछे गये एक प्रश्न का जवाब देते हुए, मंत्री नित्यानंद ने कहा, "सुरक्षा बल से जुड़े सैनिकों और आम नागरिकों की हत्या में भी 59 फीसदी कमी आई है।" छत्तीसगढ़ को लेकर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से संबंधित घटनाओं में भी 22 फीसदी की कमी आई है, जबकि 60 प्रतिशत की कमी उन मृत्यु में आई है, जो नक्सलियों द्वारा होती थीं। 

36 percent reduce in violence in Naxal affected areas Union Minister of State said | Parliament Winter Session: "नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में आई 36 फीसदी की कमी", केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने संसद में दी जानकारी

फोटो क्रेडिट- (एएनआई)

Highlightsसुरक्षा बलों और नागरिकों की मौतों में 59 फीसदी की कमी- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री 2010 के मुकाबले साल 2022 में 76 फीसदी की आई कमी, केंद्रीय मंत्री ने कहानकस्लियों द्वारा सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की हत्या के आंकड़ों में भी कमी आई- कबीना मंत्री

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में बताया कि नकस्ल से जुड़ी हिंसा में साल 2018 के मुकाबले साल 2022 में कमी आई है। 

संसद में पूछे गये एक प्रश्न का जवाब देते हुए, मंत्री नित्यानंद ने कहा, "सुरक्षा बल से जुड़े सैनिकों और आम नागरिकों की हत्या में भी 59 फीसदी कमी आई है।" छत्तीसगढ़ को लेकर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से संबंधित घटनाओं में भी 22 फीसदी की कमी आई है, जबकि 60 प्रतिशत की कमी उन मृत्यु में आई है, जो नक्सलियों द्वारा होती थीं। 

वहीं, एलडब्ल्यूई से संबंधित हिंसा में भी साल 2010 के मुकाबले साल 2022 में 76 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की गई मृत्यु के आंकड़ों में भी कमी आई है। नक्सलियों द्वारा साल 2010 में 1,005 मौत हुई थी, जो अब साल 2022 में 98 हो गई हैं। 

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, वामपंथी उग्रवाद की हिंसा भी सीमित हो गई है और छत्तीसगढ़ में जिन जिलों में सबसे ज्यादा हिंसक झड़प साल 2010 में 96 थी, वो भी 2022 आते-आते 45 हो गई है। वामपंथी उग्रवाद की समस्या को देखते हुए साल 2015 में एक राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी गई थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने कहा, "इसमें सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और उनके हक को सुनिश्चित करने वाली एक बहुआयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है।"

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा मोर्चे पर केंद्रीय पुलिस बल, प्रशिक्षण, सुरक्षा से जुड़े खर्च का प्रावधान और विशेष बुनियादी ढांचा योजना, राज्य के पुलिस बल में आधुनिकता, उपकरण और हथियार में सुधार लाने के लिए फंड, खुफिया जानकारी साझा करना, पुलिस स्टेशनों का निर्माण, सड़क निर्माण में केंद्रीय सरकार द्वारा उठाए कदम भी शामिल है, मोबाइल टॉवर्स भी लगाए गए हैं, पोस्ट ऑफिस, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं को भी लेकर नकस्ल प्रभावित क्षेत्र में सुधार किये गये हैं। 

सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत साल 2018-2019 से अब तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र को 1,648. 23 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं। इसमें छत्तीसगढ़ को 587.96 करोड़ रुपये दिये गये हैं।  

Web Title: 36 percent reduce in violence in Naxal affected areas Union Minister of State said

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