केरल में बारिश के कहर से हाल हुए बेहाल, अब तक 324 की मौत, राहत कार्य जारी
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: August 18, 2018 05:46 AM2018-08-18T05:46:36+5:302018-08-18T09:24:21+5:30
केरल में आई 100 साल में सबसे भयानक बाढ़ से हाल बेहाल हैं। यहां आठ अगस्त के बाद से अब तक 173 लोगों की मौत हो गई है। जबकि राज्य में मानसून के आने के बाद बारिश और बाढ़ से अब तक कुल 324 लोगों की मौत हुई है। ऐ
तिरुवनंतपुरम, 18 अगस्त: केरल में आई 100 साल में सबसे भयानक बाढ़ से हाल बेहाल हैं। यहां आठ अगस्त के बाद से अब तक 173 लोगों की मौत हो गई है। जबकि राज्य में मानसून के आने के बाद बारिश और बाढ़ से अब तक कुल 324 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में शुक्रवार देर रात खुद पीएम मोदी इसका जायजा देने पहुंचे थे।
यहां आज अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी और पेट्रोल पंप में ईंधन की कमी से संकट गहराता दिखा। पंजाब और दिल्ली सरकार ने केरल को 10-10 करोड़ रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं,एलेप्पी और पठानमथिट्टा से आईटीबीपी कर्मियों द्वारा 500 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। जबरदस्त बारिश के कारण लोग जगह जगह फंसे हुए है। जिनको राहत कैंप पर पहुंचाया जा रहा है।
वहीं, देश के कई राज्यों के सीएम ने केरल में राहत औऱ बचाव के लिए सहायता भेजी है। जिसमें केरल के सीएम पी विजयन के ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा, 'केरल पिछले 100 सालों में सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है, 80 बांध खोल दिए गए है, 324 जिंदगियां खत्म हो गई और 2 लाख 23 हजार 139 लोगों को 1500 से ज्यादा राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
More than 500 people were rescued by ITBP personnel from floodhit Alleppey & Pathanamthitta. #KeralaFloods (17.08.18) pic.twitter.com/hpiFmALftU
— ANI (@ANI) August 17, 2018
जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बाढ़ प्रभावित केरल के लिए 25 करोड़ रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता की घोषणा की।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाढ़ से तबाह केरल के लिए आज 10 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की। राज्य में अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं तो तेल पंपों पर का ईंधन संकट है।
वहीं, बाढ़ की वजह से केरल के ज्यादातार शहरों के अस्पतालों में स्टाफ घटकर 30 से 35 फीसदी रह गए हैं। बता दें कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों के अलावा सेना, नौसेना, वायुसेना के कर्मियों ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में अपने-अपने घरों की छतों, ऊंचे स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने का बड़ा कार्य शुरू किया। ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों के दरकने के कारण चट्टानों के टूटकर नीचे सड़क पर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गयीं जिससे वहां रहने वालों और गांवों में बचे लोगों का संपर्क बाकी की दुनिया से कट गया। ये गांव आज किसी द्वीप में तब्दील हो गये हैं।
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में रह रहे प्रवासी केरलवासी अपने-अपने प्रियजन की मदद की खातिर टीवी चैनलों के माध्यम से अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।