पीएम मोदी के निर्देश के बाद हर दिन चलाया जा रहा 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन, राज्य अपने फंसे लोगों को बुलाने की करें पहल: पीयूष गोयल

By अनुराग आनंद | Published: May 10, 2020 05:40 PM2020-05-10T17:40:47+5:302020-05-10T17:45:41+5:30

पीयूष गोयल ने कहा है कि पिछले 6 दिनों से हर दिन शॉर्ट नोटिस पर 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाया जा रहा है।

300 workers special train is being run every day on the instructions of PM Modi, all states should take initiative to bring back their trapped people: Union Railway Minister | पीएम मोदी के निर्देश के बाद हर दिन चलाया जा रहा 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन, राज्य अपने फंसे लोगों को बुलाने की करें पहल: पीयूष गोयल

पीयूष गोयल (फाइल फोटो)

Highlightsप्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं और जिनमें से प्रत्येक में 72 सीट हैं।सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए हालांकि अभी केवल 54 लोगों को ही अनुमति दी जा रही है।

नई दिल्ली: देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि पिछले 6 दिनों से रेलवे हर दिन शॉर्ट नोटिस पर 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं सभी राज्यों से अपने फंसे प्रवासियों को निकालने और वापस लाने की अनुमति देने की अपील करता हूं।

साथ ही रेल मंत्री ने सभी राज्यों से श्रमिकों को वहां से निकालने और घर वापस लाने की अनुमति देने की अपील की है। इससे कि रेलवे अगले तीन से चार दिनों में सभी को वापस उनके घर पहुंचा सके।

वहीं,  पीटीआई की मानें तो भारतीय रेलवे ने गत एक मई से 350 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां संचालित की है और कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 3.6 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्य पहुंचाया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 263 रेलगाड़ियां अपने गंतव्य स्थलों पर पहुंच गई है जबकि 87 अभी रास्ते में हैं।

उन्होंने बताया कि 46 और रेलगाड़ियों का अभी संचालन होना है। प्रत्येक श्रमिक विशेष रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं और जिनमें से प्रत्येक में 72 सीट हैं। सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए हालांकि अभी केवल 54 लोगों को ही अनुमति दी जा रही है। रेलवे ने अभी तक विशेष सेवाओं पर होने वाली लागत की घोषणा नहीं की है।

अधिकारियों ने संकेत दिये कि रेलवे ने प्रति सेवा लगभग 80 लाख रुपये खर्च किए हैं। इससे पहले सरकार ने कहा था कि सेवाओं की लागत राज्यों के साथ 85:15 के अनुपात पर साझा की गई है।  

बता दें कि झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य, यह देश के प्रवासी मजदूरों का सबसे बड़ा स्रोत है। यहां से लाखों मजदूर कमाई के लिए दूसरे शहरों में पलायन करते हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच इन राज्यों के मजदूरों दूसरे राज्यों में फंस गए हैं। इन सभी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें चला रही है।

कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने वाली इन विशेष ट्रेनों के लिए रेलवे के दिशानिर्देशों के अनुसार उन दो राज्यों की स्वीकृति जरूर होगी जहां से ट्रेन चलेगी और जिस राज्य में जाएगी। इसके लिए उन्हें केंद्र और रेलवे से मांग करनी होती है।

आंकड़ों के मुताबिक देश भर में अब तक 350 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं। इनमें से सबसे अधिक ट्रेनें यूपी ने मांगी हैं। उत्तर प्रदेश ने 88 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग कर इसके माध्यम से प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाया है। वहीं 33 ट्रेनें रास्ते में हैं। इसके अलावा 21 और ट्रेनें आने वाले दिनों में अपनी यात्रा शुरू करेंगी।इसके बिहार ने 73 ट्रेनों को स्वीकार किया है। 17 ट्रेनें अभी रास्ते में हैं और 15 और ट्रेनों को राज्य में संचालित करने की अनुमति मिल गई है। इसके अलावा, कुछ अन्य राज्यों ने भी ट्रेनों की मांग की है।

Web Title: 300 workers special train is being run every day on the instructions of PM Modi, all states should take initiative to bring back their trapped people: Union Railway Minister

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