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कोटा: छात्रावास में दूषित भोजन खाने से 30 छात्राएं बीमार, जांच का आदेश

By भाषा | Updated: October 1, 2022 21:16 IST

जवाहर नगर थानाक्षेत्र की यह घटना उस समय प्रकाश में आयी जब बृहस्पतिवार रात करीब 30 छात्राओं ने खाना खाने के बाद उल्टी और चक्कर आने की शिकायत की। लड़कियों में से एक ने दावा किया कि उसने कढ़ी में एक छिपकली देखी थी, जिसे बाद में रसोई से हटा दिया गया था।

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ठळक मुद्दे छात्रों में से एक ने दावा किया कि उसने कढ़ी में छिपकली देखी थीछात्राओं ने खाना खाने के बाद उल्टी और चक्कर आने की शिकायत कीमामले में अधिकारियों ने कहा कि जांच के आदेश दिए गए हैं

कोटा: एक अक्टूबर (भाषा) राजस्थान के कोटा स्थित एक छात्रावास में परोसा गया खाना खाने के बाद कम से कम 30 छात्राएं बीमार हो गईं। इन छात्रों में से एक ने दावा किया कि उसने कढ़ी में छिपकली देखी थी। वहीं, अधिकारियों ने कहा कि जांच के आदेश दिए गए हैं। 

जवाहर नगर थानाक्षेत्र की यह घटना उस समय प्रकाश में आयी जब बृहस्पतिवार रात करीब 30 छात्राओं ने खाना खाने के बाद उल्टी और चक्कर आने की शिकायत की। लड़कियों में से एक ने दावा किया कि उसने कढ़ी में एक छिपकली देखी थी, जिसे बाद में रसोई से हटा दिया गया था। छात्राओं को पास के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां एक लड़की को भर्ती कराया गया जबकि अन्य का प्राथमिक उपचार किया गया। 

घटना रात करीब आठ बजे हुई और मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) जगदीश सोनी को तुरंत सूचित किया गया। हालांकि, उन्होंने व्हाट्सऐप संदेश रात 10.30 बजे देखा। सोनी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उस समय तक जांच के लिए नमूने लिए बिना ही खाना बाहर फेंक दिया गया था और अन्य छात्राओं को ताजा पका हुआ खाना दिया जा चुका था। 

सोनी ने बताया कि शुक्रवार को एक मेडिकल टीम ने छात्रावास का दौरा किया और 30 लड़कियों की जांच की। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा टीम ने शुक्रवार को छात्रावास से कच्चे खाद्य पदार्थ और पानी के नमूने एकत्र किए और मामले की जांच की जा रही है। जवाहर नगर पुलिस थाने के सर्कल इंस्पेक्टर वासुदेव ने पुष्टि की कि लड़कियों ने जो खाना खाया था वह बाहर फेंक दिया गया था और कोई नमूना एकत्र नहीं किया गया था। 

कोटा शहर के अतिरिक्त जिलाधिकारी बृजमोहन बैरवा ने नमूना लेने से पहले दूषित भोजन के फेंके जाने की सूचना होने से अनभिज्ञता जाहिर की। कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों पर जिला स्तरीय निगरानी समिति के नोडल अधिकारी बैरवा ने कहा कि उन्होंने सीएमएचओ को मामले की जांच करने और दो दिनों के भीतर एक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

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