बंगाल: भाटपारा हिंसा में दो लोगों की मौत, बीजेपी का तीन सदस्यीय दल करेगा दौरा
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: June 21, 2019 05:24 PM2019-06-21T17:24:07+5:302019-06-21T17:25:13+5:30
गुरुवार को भाटपारा में दो गुटों के बीच भयंकर हिंसक झड़प हुई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए थे। इलाके में दोनों गुटों की ओर से बम बरसाए गए और गोलीबारी की गई। बाद में हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस और सैन्य बल को तैनात किया गया।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के भाटपारा इलाके में गुरुवार (20 जून) को दो गुटों के बीच हुई हिंसा के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। भारतीय जनता पार्टी का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाटपारा का दौरा करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में एसएस अहलूवालिया, सत्यपाल सिंह और वीडी राम शामिल हैं। ये प्रतिनिधिमंडल शनिवार (22 जून) को भाटपारा पहुंचेगा।
बता दें कि गुरुवार को भाटपारा में दो गुटों के बीच भयंकर हिंसक झड़प हुई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए थे। इलाके में दोनों गुटों की ओर से बम बरसाए गए और गोलीबारी की गई। बाद में हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस और सैन्य बल को तैनात किया गया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिसवालों ने भी कथित तौर पर गोलियां चलाईं।
उत्तर 24 परगना जिले का भाटपारा ऐसा इलाका है जहां लोकसभा चुनाव के दौरान भी हिंसा की वारदातें हुई थीं और उसके बाद भी घटनाएं सामने आती रही हैं।
A 3 member delegation of BJP, including SS Ahluwalia, Satya Pal Singh, VD Ram to visit West Bengal's Bhatpara tomorrow. A clash had broken out between two groups of miscreants on June 20.
— ANI (@ANI) June 21, 2019
स्थानीय मीडिया के मुताबिक झड़प में जो लोग मारे गए हैं, वे कथित तौर पर बीजेपी के समर्थक थे। कहा जा रहा है कि जब से अर्जुन सिंह बीजेपी में शामिल हुए हैं, तब से हिंसा की वारदातें बढ़ गई हैं। अर्जुन सिंह पहले तृणमूल कांग्रेस के विधायक थे। लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने टीएमसी का दामन छोड़ दिया था और बीजेपी में आ गए थे। वह बैरकपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते। उन पर आरोप लग रहा है कि वह टीएमसी में फूट डालने का काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से टीएमसी नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद भारी संख्या में टीएमसी से बीजेपी में नेता का आना देखा गया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक पार्टी से नेताओं के जाने से टीएमसी पहले के मुकाबले कमजोर हो रही है और अपने दबदबे वाले इलाकों में नियंत्रण खो रही है। कहा जा रहा है कि उत्तर 24 परगना जिले की पांच नगर पालिकाओं पर से टीएमसी का नियंत्रण चला गया है।