बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 27वीं बरसीः अयोध्या शांत, नहीं मनाया  ‘शौर्य दिवस’, जनजीवन सामान्य

By भाषा | Published: December 6, 2019 02:45 PM2019-12-06T14:45:58+5:302019-12-06T14:45:58+5:30

भगवान राम की जन्म स्थली इस तीर्थ नगरी के विभिन्न हिस्सों में सुबह के समय जनजीवन बिलकुल सामान्य दिखा। लोग सैर के लिए सड़कों पर निकले। दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हर रोज की तरह खुले हैं। बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर 1992 को गिरा दिया गया था।

27th anniversary of the demolition of Babri Masjid: Ayodhya pacified, not celebrated 'Shaurya Divas', normal life | बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 27वीं बरसीः अयोध्या शांत, नहीं मनाया  ‘शौर्य दिवस’, जनजीवन सामान्य

मंदिर में हर रोज की तरह श्रद्धालु आ रहे हैं। हमारे लिए और शहर के लिए यह एक सामान्य दिन है।

Highlightsहर साल इस दिन को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाते रहे हैं, लेकिन इस बार विश्व हिन्दू परिषद ने ऐसा नहीं किया है।हनुमानगढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि इस दिन को अब ‘सौहार्द दिवस’ के रूप में मनाया जाना चाहिए।

बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 27वीं बरसी पर यहां जनजीवन हर रोज की तरह सामान्य है, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं। उच्चतम न्यायालय ने दशकों से चले आ रहे अयोध्या मुद्दे पर गत नौ नवंबर को फैसला सुनाया था।

भगवान राम की जन्म स्थली इस तीर्थ नगरी के विभिन्न हिस्सों में सुबह के समय जनजीवन बिलकुल सामान्य दिखा। लोग सैर के लिए सड़कों पर निकले। दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हर रोज की तरह खुले हैं। बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर 1992 को गिरा दिया गया था।

दक्षिणपंथी हिन्दू संगठन हर साल इस दिन को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाते रहे हैं, लेकिन इस बार विश्व हिन्दू परिषद ने ऐसा नहीं किया है। हनुमानगढ़ी मंदिर के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि इस दिन को अब ‘सौहार्द दिवस’ के रूप में मनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर में हर रोज की तरह श्रद्धालु आ रहे हैं। हमारे लिए और शहर के लिए यह एक सामान्य दिन है। हम इस दिन को ‘सौहार्द दिवस’ के रूप में मना रहे हैं। शाम के समय मिट्टी से बने दीप जलाए जाएंगे।’’ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि हालांकि आज का दिन मुसलमानों के लिए दुख का दिन है, लेकिन यह लोगों पर है कि वे ‘यौम ए गम’ (दुख दिवस) मनाना चाहते हैं या नहीं। यहां जामा मस्जिद मलिक शाह में हाजी इस्माइल अंसारी के निर्देशन में बच्चे कुरान पढ़ते देखे गए, साथ में मस्जिद की दीवार पर बाबरी मस्जिद का एक चित्र भी टंगा था।

मस्जिद से जुड़े मोहम्मद शहजाद राईन ने कहा कि अयोध्या के हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच कोई समस्या नहीं है जो पीढ़ियों से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहते आए हैं। रानोपल्ली क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय में कक्षाएं हर रोज की तरह जारी थीं। स्कूल के शिक्षक लाल बहादुर यादव ने कहा, ‘‘स्कूल में कुल 74 विद्यार्थी हैं। कल 52 बच्चे उपस्थित थे, आज लगभग 30 बच्चे उपस्थित हैं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या बाबरी मस्जिद गिराए जाने की बरसी की वजह से आज बच्चों की उपस्थिति कम है, उन्होंने कहा, ‘‘संभवत: हां, क्योंकि कुछ अभिभावकों में छह दिसंबर को लेकर चिंता रहती है।’’ रिकाबगंज क्षेत्र में विभिन्न मंदिरों में भजन चल रहे थे और श्रद्धालु हर रोज की तरह पहुंच रहे हैं। शहर में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हर रोज की तरह खुले हैं। अयोध्या निवासी ब्रजेश कुमार ने कहा, ‘‘हमारे लिए यह एक आम दिन है। हां, यह छह दिसंबर है, लेकिन हमारे लिए यह केवल एक और शुक्रवार है।’’

शहर में कानून व्यवस्था से जुड़ी स्थिति को देखने के लिए विभिन्न जगहों पर पुलिसकर्मी तैनात हैं और वे हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। शहर में ठीक वैसे ही सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं जैसे कि नौ नवंबर को अयोध्या मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर किए गए थे।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि धार्मिक संगठनों ने प्रशासन को आश्वासन दिया है कि आज के दिन को कोई ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाएगी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) पी वी रामशास्त्री ने कहा, ‘‘छह दिसंबर के लिए सुरक्षा योजना नौ नवंबर की हमारी सुरक्षा योजना का ही एक जारी हिस्सा है।’’

अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने कहा कि समूचे जिले को सुरक्षा के दृष्टिकोण से चार जोन, 10 सेक्टरों और 14 उप-सेक्टरों में बांटा गया है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि बालू भरे थैलों से युक्त 78 चौकियां स्थापित की गई हैं जहां सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात हैं।

यातायात को नियंत्रण में रखने के लिए अवरोधक लगाए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में 269 पुलिस पिकेट स्थापित की गई हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 305 ‘शरारती तत्वों’ की पहचान की गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की रही है। इसके अतिरिक्त नौ त्वरित कार्रवाई टीम तैनात की गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पांच गिरफ्तारी दल बनाए गए हैं और 10 अस्थायी जेल बनाई गई हैं।’’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस टीम होटल, धर्मशालाओं और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर तलाशी अभियान चला रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विश्वास बहाली के कदमों पर जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में संतों, व्यापारियों और शिक्षाविदों से संपर्क किया गया है।’’ 

Web Title: 27th anniversary of the demolition of Babri Masjid: Ayodhya pacified, not celebrated 'Shaurya Divas', normal life

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