बिहार में कोरोना महामारी के बीच कुदरत का कहर भी जारी है। राज्य में आकाशीय बिजली (ठनका) गिरने से 26 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ही 100 से ज्यादा लोगों की मौत ठनका गिरने से हुई थी। आकाशीय बिजली गिरने से सबसे अधिक प्रभावति समस्तीपुर जिला हुआ है। यहां पर 7 लोगों की मौत हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग की लिस्ट के मुताबिक राजधानी पटना में 6 लोग, पूर्वी चंपारण में चार, शिवहर में दो, कटिहार में तीन, मधेपुरा में दो और पूर्णिया व पश्चिमी चंपारण में एक-एक व्यक्ति की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई है। अधिकतर लोगों की मौत खेत में काम करने के दौरान हुई है। इस समय धान के बुवाई का समय है। ज्यादातर जगहों पर रोपनी का कार्य चल रहा है।
मौसम विभाग की तरफ से चेतावनी दी गई है कि बिजली कड़कने के साथ हो रही बारिश के वक्त घर से बाहर ना निकलें। खेतो में काम करनेवाले किसानों के लिए खासतौर से चेतावनी जारी की गई है।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक आनंद शंकर ने कहा कि अगले 48 घंटे तक राज्य के अधिकतर हिस्से में बारिश और बिजली गिरने की आशंका है। किसानों और आम लोगों से अपील की जाती है कि वे इस दौरान जहां तक भी संभव हो खुले में जाने से बचें। आकाश में बिजली चमके या बिजली गिरने की आवाज आए तो पक्के मकान में शरण लें।
मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करके कहा है कि अगले कुछ घंटे के भीतर बिहार के मधेपुरा, सहरसा और सुपौल में बारिश और वज्रपात की संभावना है।