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26 जनवरी गणतंत्र दिवस: राजपथ पर इस बार नहीं दिखेगी बिहार की झांकी

By एस पी सिन्हा | Updated: January 4, 2020 06:52 IST

इससे पहले महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी को भी अस्वीकार कर दिया गया है. बताया जाता है कि 26 जनवरी की परेड में झांकी शामिल करने की एक तय प्रक्रिया है. जिसके अनुसार रक्षा मंत्रालय देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों या विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित करता है. इनके प्रस्ताव मिलने के बाद एक कमेटी इनकी स्क्रीनिंग करती है. इस कमेटी में कला, संस्कृति, पेंटिंग, संगीत जैसे क्षेत्रों से जुड़े लोग होते हैं. 

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दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान इस बार बिहार की झांकी नहीं दिखेगी. केंद्र को बिहार की जल जीवन हरियाली थीम पर झांकी की अनुमति नहीं मिली. केंद्र ने दूसरे विषय पर झांकी की मांग बिहार से की, लेकिन बिहार सरकार दूसरे विषय के लिए तैयार नहीं हुई. झांकी के लिए तय मानकों में बिहार की झांकी जगह नहीं बना पाई. 

बताया जाता है कि गणतंत्र दिवस परेड में किस राज्य की झांकी को अनुमति मिलेगी, इसे तय करने के लिए रक्षा मंत्रालय के अधीन एक कमेटी है. कमेटी के स्तर पर झांकी के विषय को मंजूरी मिलती है. बिहार की ओर से इस बार प्रस्ताव दिया गया था कि वह जल-जीवन-हरियाली अभियान को केंद्र में रख अपनी झांकी तैयार करेगा. रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत कमेटी ने जल-जीवन-हरियाली अभियान को केंद्र के जलशक्ति मंत्रालय का विषय बता दिया. यह भी कहा कि यह विषय राज्य सरकार का नहीं हो सकता है. इस वजह से जल-जीवन-हरियाली अभियान पर झांकी बनाए जाने को अनुमति नहीं दी जा सकती है. बिहार सरकार कोई दूसरा प्रस्ताव दे. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि वह इस विषय को छोड़कर किसी अन्य विषय पर झांकी तैयार नहीं करेगी. 

यहां बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस विषय को लेकर अभियान चला रहे हैं और कई चरणों में जागरूकता यात्रा कर रहे हैं. इससे पहले महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी को भी अस्वीकार कर दिया गया है. बताया जाता है कि 26 जनवरी की परेड में झांकी शामिल करने की एक तय प्रक्रिया है. जिसके अनुसार रक्षा मंत्रालय देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों या विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित करता है. इनके प्रस्ताव मिलने के बाद एक कमेटी इनकी स्क्रीनिंग करती है. इस कमेटी में कला, संस्कृति, पेंटिंग, संगीत जैसे क्षेत्रों से जुड़े लोग होते हैं. 

वहीं, गणतंत्र दिवस समारोह में बिहार की झांकी को शामिल नहीं किए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि इस संबंध में मैं राजनाथ सिंह से बात करूंगा कि बिहार की झांकी को परेड समारोह में शामिल किया जाए और झांकी को शामिल करना भी चाहिए. यह बिल्कुल गलत बात है. आज पूरी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण की सुरक्षा है. ऐसे में इस झांकी को इसमें शामिल किया जाना चाहिये. 

टॅग्स :बिहारलोकमत हिंदी समाचारगणतंत्र दिवस
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