कोलकाता पुलिस में 2500 कांस्टेबलों की होगी भर्ती, सीएम ममता बनर्जी ने दी मंजूरी, जिलों के विभाजन के लिए चुने गए नए मंत्रियों के समूह
By आजाद खान | Published: August 8, 2023 09:13 AM2023-08-08T09:13:44+5:302023-08-08T09:22:19+5:30
एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार राज्य का बकाया नहीं दे रही है। ऐसे में इससे निपटन के लिए राज्य ने अपनी 100 दिन की कार्य योजना - खेला होबे को शुरू करने की घोषणा की है।
कोलकाता: सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने कोलकाता पुलिस में 2,500 कांस्टेबलों की भर्ती के लिए मंजूरी दे दी है। बता दें कि भांगर के दो ब्लॉकों को कोलकाता पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र के अंतर्गत लाने की घोषणा के कुछ दिन बाद सीएम ममता बनर्जी ने इस भर्ती की बात कही है।
इस भर्ती को इससे भी जोड़ा जा रहा है कि हाल में संपन्न हुए पंचायत चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री ने यह वादा किया था कि वे आने वाले तीन महीनों में पुलिस डिपार्टमेंट में खाली पदों को भरेंगी। ऐसे में जिलों के विभाजन के लिए सीएम ने एक नए "मंत्रियों के समूह" का भी गठन किया है।
"मंत्रियों के समूह" में ये नेता है शामिल
गौर करने वाली बात यह है कि जिलों के विभाजन में सीएम तेजी लाना चाहती है, ऐसे में एक नए "मंत्रियों के समूह" का भी गठन किया जिसमें फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास और मोलॉय घटक शामिल है। इससे पहले सीएम ने सात नए जिले बनाने का प्रस्ताव भी दे चुकी है।
मामले में बोलेते हुए एक अधिकारी ने कहा है कि मंत्रियों का यह समूह जिला विभाजन की प्रक्रिया में तेजी लाएगा जो पहले से ही पाइपलाइन में है। उन्होंने यह भी कहा कि समूह नए जिलों/मंडलों के दायरे का भी सर्वेक्षण करेगा। यही नहीं ये तीनों मंत्री जिला प्रशासन के साथ बैठकें भी करेंगे और नए जिलों/मंडलों के लिए प्रस्ताव को भी प्रस्तुत करेंगे।
सीएम ने राज्य के 100 दिन की कार्य योजना का किया एलान
अधिकारी ने यह भी कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार राज्य का बकाया नहीं दे रही है वहीं दूसरी तरफ अधिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से राज्य के खजाने पर वित्तीय बोझ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सीएम ने राज्य की अपनी 100 दिन की कार्य योजना - खेला होबे के शुरू होने की घोषणा की है। इसमें अप्रयुक्त सरकारी जमीनों को बेचकर उन वित्तीय चुनौतियों से निपटने की योजना बनाई जा रही है।
बता दें कि बैठक में बनर्जी ने कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णयों सहित राज्य सरकार के सभी निर्णयों के कार्यान्वयन के लिए 15 दिन की समय सीमा भी तय की गई है। इस पर बोलते हुए अधिकारी ने कहा है कि उन्होंने अधिकारियों से कार्यान्वयन पर एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को सौंपने को कहा है।