गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने आरोपी युकुब पटारिया को सुनाई उम्रकैद ही सजा, जानें क्या था पूरा मामला

By स्वाति सिंह | Published: March 20, 2019 12:36 PM2019-03-20T12:36:55+5:302019-03-20T12:40:17+5:30

इससे पहले अगस्त 2018 में दो लोगों को दोषी ठहराया था और अन्य तीन को बरी कर दिया था। मामले में दोषी करार किए गए इमरान उर्फ शेरू भटुक और फारूक भाना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

2002 Godhra train burning case: A Special SIT Court in Ahmedabad sentences convict Yakub Pataliya to life imprisonment. | गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने आरोपी युकुब पटारिया को सुनाई उम्रकैद ही सजा, जानें क्या था पूरा मामला

गोधरा कांड: SIT कोर्ट ने आरोपी युकुब पटारिया को सुनाई उम्रकैद ही सजा, जानें क्या था पूरा मामला

 27 फरवरी 2002 में हुए गोधरा कांड मामले में एसआईटी कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी युकुब पटारिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 

इससे पहले अगस्त 2018 में दो लोगों को दोषी ठहराया था और अन्य तीन को बरी कर दिया था। मामले में दोषी करार किए गए इमरान उर्फ शेरू भटुक और फारूक भाना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वहीं, हुस्सैन सुलेमान मोहन, कासम भमेड़ी और फारूक धांतिया को बरी कर दिया गया था। ये सभी पांचों गोधरा के ही निवासी हैं। साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में गोधरा स्टेशन पर हुए अग्निकांड में 59 लोग जिंदा जल गए थे। इनमें से 50 लोग कार सेवक थे। 


बता दें कि इन आरोपियों को वर्ष 2015-16 में गिरफ्तार किया गया था। इन पर साबरमती केंद्रीय जेल में विशेष तौर पर स्थापित की गई अदालत में मुकदमा चलाया गया था। मोहन को मध्य प्रदेश के झाबुआ से गिरफ्तार किया गया था, जबकि भामेड़ी को गुजरात के दाहोद रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया था। धानतिया और भाना को गुजरात के गोधरा से उनके घरों से पकड़ा गया। भूतक को महाराष्ट्र के मालेगांव से पकड़ा गया था।इस मामले के आठ आरोपी अब भी फरार हैं।

इससे पहले विशेष एसआईटी अदालत ने एक मार्च 2011 को 31 लोगों को दोषी करार दिया था। अदालत ने उनमें से 11 को मौत की सजा सुनाई थी जबकि 20 अन्य को उम्रकैद की सजा दी थी। हालांकि अक्तूबर 2017 में गुजरात उच्च न्यायलय ने 11 दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी थी। वहीं, 20 दोषियों को उम्रकैद तथा 63 आरोपियों को बरी करने के फैसले को नहीं बदला था। बता दें कि इस मामले में अभी तक  94 में से 63 आरोपियों को बरी कर दिया था। कुल 31 आरोपियों को दोषी करार देकर उनमें से 11 को फांसी तथा 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। 

गोधरा स्टेशन पर हुई इस घटना के बाद  सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस मामले में तकरीबन 94 आरोपी मुस्लिल थे, जिनपर हत्या और प्लानिंग का आरोप लगा था।  लेकिन हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पाए 11 दोषियों की सजा को भी उम्रकैद में तब्दील कर दिया।

क्या था मामला

बता दें कि अहमदाबाद से लगभग 130 किलोमीटर दूर गोधरा स्टेशन पर फरवरी, 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के कोच में आग लगा दी गई थी। उसमें 59 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। जिनमें से 50 से अधिक लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। 
 

Web Title: 2002 Godhra train burning case: A Special SIT Court in Ahmedabad sentences convict Yakub Pataliya to life imprisonment.

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