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सरकार में नंबर दो राजनाथ सिंह, प्रधानमंत्री मोदी के बगल में बैठे, सुषमा स्वराज की सीट पर गृह मंत्री अमित शाह

By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 17, 2019 14:53 IST

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के उपनेता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन के नेता हैं। यानी राजनाथ सिंह का कद सदन में नंबर दो का है। यही कारण है कि राजनाथ ठीक नरेंद्र मोदी के बगल में बैठे हैं।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री, मंत्रियों सहित नवनिर्वाचित सदस्यों ने ली लोकसभा सदस्यता की शपथप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली सीट पर विराजमान हैं तो उनके बाद राजनाथ सिंह और अमित शाह का नंबर आया है।

सत्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह सहित नवनिर्वाचित सदस्यों ने निचले सदन की सदस्यता की शपथ ली।

17वीं लोकसभा की शुरुआत हो गई है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये पहला सत्र है। 40 दिन चलने वाले इस सत्र की शुरुआत सांसदों की शपथ के साथ हो गई है। इस दौरान हर किसी की नज़र इस बात पर रही कि आखिर कौन किस सीट पर बैठेगा। क्योंकि कैबिनेट गठन के साथ ही सरकार में नंबर दो कौन का सवाल गूंजने लगा था। अब ये तस्वीर साफ हो गई है, सदन के नेता के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली सीट पर विराजमान हैं तो उनके बाद राजनाथ सिंह और अमित शाह का नंबर आया है।

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के उपनेता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन के नेता हैं। यानी राजनाथ सिंह का कद सदन में नंबर दो का है। यही कारण है कि राजनाथ ठीक नरेंद्र मोदी के बगल में बैठे हैं। पिछले सदन में भी वह पीएम मोदी के साथ ही बैठे थे। बता दें कि जब कैबिनेट में उन्हें गृह मंत्री पद से हटाकर रक्षा मंत्री का जिम्मेदारी दी गई तो राजनीतिक चर्चा हुई कि उनका कद नंबर दो से घटाकर नंबर तीन कर दिया है।

बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह भी इस बार लोकसभा में चुनकर आए हैं। वह सत्तापक्ष की पहली ही लाइन में राजनाथ सिंह के बगल में बैठे हैं। पहले इस सीट पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बैठती थीं। उनके बगल में थावरचंद गहलोत हैं, जो कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की सीट पर विराजमान हुए।

इन सभी सीटों के अलावा थावरचंद गहलोत के बाद नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा, फिर रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र सिंह तोमर और हरसिमरत कौर पहली ही पंक्ति में दिखे. उनके बाद रामविलास पासवान भी दिखे, हालांकि वह इस बार लोकसभा सांसद नहीं हैं, लेकिन मंत्री होने के नाते वह सदन में दिखे। आपको बता दें कि सदन में सीट मंत्री पद में वरिष्ठता या फिर कितनी बार जीत दर्ज कर वे आए, इस आधार पर मिलती आई है। गौरतलब है कि इस बार सदन में कई वरिष्ठ और पुराने सांसद नहीं दिख रहे हैं, जिनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

शपथ लेने के लिए जैसे ही प्रधानमंत्री का नाम पुकारा गया सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया जबकि भाजपा के सदस्यों ने ‘‘मोदी..मोदी’’ और ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे लगाये। मोदी ने सदन के नेता होने के कारण सबसे पहले शपथ ली। उन्होंने हिन्दी में शपथ ली।

प्रधानमंत्री मोदी के बाद कांग्रेस के सदस्य के. सुरेश, बीजद के बी महताब और भाजपा के ब्रजभूषण शरण सिंह ने शपथ ली। सुरेश और सिंह ने हिंदी तथा महताब में उड़िया में शपथ ली। कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने पीठासीन अध्यक्षों के जिस पैनल की घोषणा की उसमें ये तीनों सदस्य- के सुरेश, ब्रजभूषण शरण सिंह एवं बी महताब शामिल हैं।

इन तीनों सदस्यों के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और स्मृति ईरानी सहित मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने भी शपथ ली। हर्षवर्धन, श्रीपद नाइक, अश्वनी कुमारी चौबे और प्रताप सारंगी ने संस्कृत भाषा में शपथ ली।

स्मृति ईरानी का नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद भाजपा के कई सदस्यों ने जोरदार ढंग से मेजें थपथपाईं। दरअसल, ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से हराकर लोकसभा पहुंची हैं। पश्चिम बंगाल कोटे से मंत्रियों बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी के नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद भाजपा सदस्यों ने ‘जयश्री राम’ के नारे लगाए।

गौरतलब है कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘जयश्रीराम‘ के नारे लगाए थे जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। मंत्रियों का नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के दौरान लोकसभा महासचिव ने एक बार भूलवश केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम पुकारा, जबकि वह सदन के सदस्य निर्वाचित नहीं हुए हैं। बाद में उन्होंने भूल सुधारी और फिर प्रह्लाद जोशी का नाम पुकारा।

केन्द्रीय मंत्री एवं अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने पंजाबी तथा भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविन्द सावंत ने मराठी भाषा में शपथ ली। सदन में पहले सदन के नेता के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी, फिर पीठासीन अध्यक्ष पैनल के सदस्यों, उसके बाद केन्द्रीय मंत्रियों ने शपथ ली। इसके बाद सदस्यों ने राज्यों के अकारादि क्रम से शपथ ली। सबसे पहले आंध्र प्रदेश के सदस्यों, फिर असम और उसके बाद बिहार के सदस्यों ने शपथ ली। 

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