नरेन्द्र मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट सत्र शुरू, तीन तलाक सहित ये पांच विधेयक केन्द्र सरकार की प्राथमिकता

By पल्लवी कुमारी | Published: June 18, 2019 08:33 AM2019-06-18T08:33:23+5:302019-06-18T08:33:23+5:30

सत्रवहीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलने वाला है। ये बजट सत्र होगा। 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष को चयन किया जाएगा। उसके बाद राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों की संयुक्त बैठक 20 जून को संबोधित करेंगे।

17th Lok Sabha budget session triple talaq to With focus on passing key bills | नरेन्द्र मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट सत्र शुरू, तीन तलाक सहित ये पांच विधेयक केन्द्र सरकार की प्राथमिकता

नरेन्द्र मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट सत्र शुरू, तीन तलाक सहित ये पांच विधेयक केन्द्र सरकार की प्राथमिकता

Highlights4 जुलाई को लोकसभा में सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी। 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्ण बजट पेश करेंगी।वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को पेश किया था।

नरेन्द्र मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट-सत्र 16 जून से 26 जुलाई तक चलने वाला है। नयी सरकार की योजना 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में कई विधयेक पास कराने की ही। जिसमें तीन तलाक, राष्ट्रीय मेडिकल आयोग विधेयक, वाहन विधेयक, जम्मू और कश्मीर आरक्षण, कंपनी (संशोधन), आधार और अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, नयी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र अध्यादेश, होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश, विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) अध्यादेश और केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश शामिल हैं। लेकिन इनमें से कुछ विधेयक पास कराना सरकार की प्राथमिकता है। तो आइए नजर डालते हैं, सरकार की प्राथमिकता सूची पर।

1. तीन तलाक

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले दिनों तीन तलाक की प्रथा पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद में फिर से विधेयक लाएगी। पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के भंग होने के साथ फौरी तीन तलाक पर पाबंदी लगाने वाले विवादित विधेयक की मियाद समाप्त हो गई क्योंकि यह संसद में पारित नहीं हुआ और राज्यसभा में लंबित रह गया।

रविशंकर प्रसाद ने कहा है,  फौरी तीन तलाक (का मुद्दा) हमारे (भाजपा) घोषणापत्र का हिस्सा है। तो इसे हम बिल्कुल पास कराएंगे। तीन तलाक अध्यादेश पिछले साल फरवरी-मार्च में जारी किए गए थे लेकिन पिछली सरकार 16वीं लोकसभा के आखिरी सत्र में उन्हें संसद से पारित कानून में नहीं बदल सकी। फिर से निर्वाचित होने के बाद सत्ता में आयी नरेंद्र मोदी सरकार ने उन प्रस्तावित कानूनों पर फिर से जोर देने का फैसला किया है। इन अध्यादेशों को सत्र शुरू होने के 45 दिनों के अंदर कानून में बदलना होगा, अन्यथा उनकी अवधि समाप्त हो जाएगी।

2. राष्ट्रीय मेडिकल आयोग

नरेन्द्र मोदी की सरकार राष्ट्रीय मेडिकल आयोग विधेयक फिर से पेश करने की तैयारी में है। इसका मकसद मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार करना है। दिसंबर 2017 में पेश किया गया राष्ट्रीय मेडिकल आयोग (एनएमसी) विधेयक 16वीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही निष्प्रभावी हो गया था। 

साल 2017 में संसद के निचले सदन में यह विधेयक पेश किए जाने के बाद इसे विभाग से संबंधित संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। मेडिकल बिरादरी द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा गया। 

यह विधेयक कानून बन जाने पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) कानून 1956 की जगह ले लेगा। इस विधेयक में ‘ब्रिज कोर्स’ का एक विवादित प्रावधान भी शामिल किया गया था जिसके जरिए वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों (आयुष) की प्रैक्टिस करने वालों को एलोपैथी की प्रैक्टिस करने की छूट होती। संसदीय समिति ने मार्च 2018 में अपनी सिफारिशें दी थीं, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने विवादित प्रावधान हटा दिया और लोकसभा में आधिकारिक संशोधन पेश करने से पहले समिति द्वारा सुझाए गए कुछ अन्य बदलाव भी किए। 

3. आधार संशोधन विधेयक

आधार संशोधन विधेयक भी इस सत्र में पेश हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में ‘आधार तथा अन्य कानूनों में (संशोधन) के विधेयक, 2019’ को मंजूरी दी गयी। इसमें नियमों के उल्लंघन पर कड़ा जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक आधार कानून 2016 तथा अन्य कानून में संशोधन के रूप में होगा और मार्च 2019 में जारी अध्यादेश का स्थान लेगा। इस संशोधन विधेयक को संसद के 17 जून से शुरू सत्र में पेश किया जाएगा।

4.  वाहन विधेयक

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नई सरकार के एक गठन के बाद ये कहा था कि सरकार संसद के आगामी सत्र में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक पेश करने की कोशिश करेगी। इस विधेयक में सड़क सुरक्षा के नियमों के उल्लंघन पर भारी दंड का प्रावधान का प्रस्ताव है। यह विधेयक राज्यसभा से मंजूरी के लिए लंबित था। लेकिन फरवरी में 16वीं लोकसभा के आखिरी सत्र के स्थगित होने के बाद यह स्वयं ही संसद के पटल से गिर गया। 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था, ‘‘मोटर विधेयक के लिए कैबिनेट नोट तैयार है। एक बार इसे मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल जाए तो हम इसे संसद के आगामी सत्र में पेश कर देंगे।’’ गडकरी ने मंगलवार सुबह ही अपने मंत्रालय का कार्यभार संभाला। उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विधेयक को संसद से एक बार मंजूरी मिल जाने के बाद परिवहन क्षेत्र में कई सुधार होने की उम्मीद है। इस विधेयक में सड़क परिवहन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न अपराधों के लिये भारी-भरकम जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि 8000 ऐसे मार्ग खंडों की पहचान की गयी है जहां दुर्घटना का खतरा अधिक है। उन्हें ठीक किया जाएगा। 

5. विशेष आर्थिक जोन (संशोधन) विधेयक

संसद के आने वाले सत्र में विशेष आर्थिक जोन (संशोधन) विधेयक 2019 को पेश किया जा सकता है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इसकी घोषणा भी की थी। इसके तहत अब कोई न्यास भी विशेष आर्थिक जोन (सेज) में निवेश कर सकेंगे। यह विधेयक विशेष आर्थिक जोन (संशोधन) अध्यादेश 2019 का स्थान लेगा। यह अध्यादेश मार्च में लाया गया था। इस अध्यादेश से न्यासों को सेज में इकाइयां लगाने की मंजूरी मिल गयी है। 

एक आधिकारिक बयान में कहा गया था, ''केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद के आगामी सत्र में विशेष आर्थिक जोन (संशोधन) अध्यादेश 2019 की जगह लेने के लिये विशेष आर्थिक जोन (संशोधन) विधेयक 2019 लाने की मंजूरी दे दी।'' विशेष आर्थिक जोन अधिनियम 2005 के खंड दो के पांचवें उपखंड में संशोधन के बाद किसी न्यास या सरकार द्वारा अधिसूचित कोई भी निकाय सेज में निवेश करने पर छूट पाने का पात्र हो जाएगा। इस संशोधन में केंद्र सरकार को इस बात की भी छूट कि वह सेज में निवेश के लिये पात्र ‘व्यक्ति’ की परिभाषा में न्यास को भी शामिल कर सके।''

पांच जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी पूर्ण बजट

सत्रवहीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलने वाला है। ये बजट सत्र होगा। 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष को चयन किया जाएगा। उसके बाद राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों की संयुक्त बैठक 20 जून को संबोधित करेंगे। इस बात की जानकारी सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी थी।

4 जुलाई को लोकसभा में सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी। 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्ण बजट पेश करेंगी। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को पेश किया था। (पीटीआई इनपुट के साथ) 

Web Title: 17th Lok Sabha budget session triple talaq to With focus on passing key bills

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