चीन की से सटे अरुणाचल प्रदेश की सीमा से इसी हफ्ते अगवा हुए 17 साल के अरुणाचली किशोर मीराम तारौन के सुरक्षित होने की जानकारी मिली है। मीराम तारौन के लापता होने के बाद से भारत में उठे बवाल के बीच चीनी सेना पीएलए ने भारतीय फौज के साथ जानकारी साझा करते हुए जानकारी दी है कि मीराम उन्हें मिल गया है और उसे भारत वापस भेजने के लिए जरूरी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
हालांकि दोनों के देशों के मध्य चल रही मीराम के वापसी की कानूनी प्रक्रिया के बीच यह जानकारी सामने नहीं आयी है कि वह लापता होने के दौरान कहां था और चीनी सेना को किस तरह से मिला है।
इस मामले में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पाण्डेय ने प्रेस को जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक फौज को चीनी सेना ने सूचना दी कि अरुणाचल से लापता हुआ मीराम उन्हें सुरक्षित मिल गया है। बीते कई दिनों अरुणाचल प्रदेश के भारत-चीन सीमा क्षेत्र में उसकी तलाश जारी थी।
कथिततौर पर कहा जा रहा था कि मीराम को सीमा क्षेत्र से चीनी सेना ने बंदूक के बल पर अगवा कर लिया है। लेकिन दूसरी ओर चीनी सेना ने इस तरह के किसी भी घटना से इंकार किया था और मीराम को तलाशने में भारतीय सेना के साथ सहयोग की बात कही थी।
देश को मीराम के लापता होने की जानकारी तब हुई जब बीते 19 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के सांसद तापिर गाओ ने जानकारी देते हुए उसकी तलाश के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया।
तापिर गाओ ने इस मामले में सीधा आरोप लगाते हुए कहा था कि चीनी सेना पीएलए ने 17 साल के मीराम तारौन को भारतीय सीमा क्षेत्र के भीतर घुसकर सिआंग जिले से अगवा कर लिया है।
मामले की जानकारी मिलने के फौरन बाद भारतीय फौज ने तत्काल चीनी सेना पीएलए से संपर्क किया और बताया कि मीराम सीमावर्ती इलाके में जंगली जड़ी-बूटियां इकट्ठा करने गया था।
वहीं मीराम के लापता होने पर दिल्ली में सियासत भी तोज हो गई और विपक्षी नेता राहुल गांधी ने इस मसले में केंद्र नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े-हाथों लिया था।
राहुल गांधी ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया, 'गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले भारत के एक भाग्य विधाता का चीन ने अपहरण किया है- हम मीराम तारौन के परिवार के साथ हैं और उम्मीद नहीं छोड़ेंगे, हार नहीं मानेंगे। PM की बुज़दिल चुप्पी ही उनका बयान है- उन्हें फ़र्क़ नहीं पड़ता!'