बिहार: मुंगेर की एक सरकारी स्कूल में एक साथ 15 बच्चे हुए है बीमार, कृमिनाशक गोलियां के कारण छात्रों की बिगड़ी हालत
By आजाद खान | Published: April 22, 2022 03:38 PM2022-04-22T15:38:54+5:302022-04-22T15:43:00+5:30
जानकारी के अनुसार, केवल 15 बच्चे ही बीमार पड़े हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्ट ने यह बताया है कि करीब 50 बच्चों के बीमार पड़ने की बात सामने आई है।
पटना: बिहार के मुंगेर के घोरघाट में एक दवा के खाने के बाद सरकारी स्कूल के करीब 15 बच्चे एक साथ बीमार पड़ गए हैं। इसके बाद उन्हे पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना
मुंगेर जिले के घोरघाट के शाह जुबैर मिडिल स्कूल की है जहां पर स्कूल के बच्चों को कृमिनाशक गोलियां खिलाई जा रही थी जिसके बाद यह घटना घटी है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इस दवा को खाने के बाद 15 बच्चे बीमार पड़े है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट यह कहती है कि कम से कम 50 बच्चे बीमार हुए हैं। घटना की खबर मिलते ही बच्चों के माता पिता स्कूल पहुंचे थे.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को मुंगेर जिले में कृमि दिवस मनाया जा रहा था जहां पर जिले के सभी स्कूलों में बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही थी। इसके तहत शाह जुबैर मिडिल स्कूल में भी बच्चों दवा खिलाया गया जिसके खाने के बाद 15 बच्चों की हालत बिगड़ गई थी और वे बेहोश हो गए थे। इस खबर के फैलने के बाद स्कूल में अफरा-तफरी मंच गई थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अब उनकी हालत ठीक है। वे अभी भी अस्पताल में भर्ती है और उनका वहां इलाज चल रहा है।
बिहार: मुंगेर के एक मध्य विद्यालय में पेट के कीड़े मारने वाली दवाई खाने के बाद कई बच्चे बीमार हुए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 22, 2022
प्रधानाचार्य ने बताया,“करीब 15 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं। बिहार सरकार की ओर से ये योजना चल रही थी। अभी कारण की असल वजह नहीं पता चली है। बच्चों को कोई गंभीर परेशानी नहीं है।” pic.twitter.com/UQCeIayHCT
मामले में बोलते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया, “करीब 15 बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं। बिहार सरकार की ओर से ये योजना चल रही थी। अभी कारण की असल वजह नहीं पता चली है। बच्चों को कोई गंभीर परेशानी नहीं है।”
दवा को सही से नहीं देने पर घटना घटी
इस पर बोलते हुए मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने कहा कि बच्चों को सही से दवा नहीं दी गई थी। उन्होंने बताया कि एल्बेंडाजोल की दवा खाली पेट नहीं दी जाती है। लेकिन इस स्कूल के बच्चों को खाले पेट दवा दी गई थी इसलिए यह घटना घटी है। सिंह ने बताया कि मिड-डे मील के बाद बच्चों को उल्टी की दवा के साथ कृमि की दवा देनी चाहिए, लेकिन ऐसा न करके उन्हें खाली पेट ही दवा दी गई जिसके कारण वे बीमार पड़ गए।