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15 अगस्त के भाषण के लिए पीएम मोदी ने मांगे सुझाव, लोगों ने ऐसे दिखाया आईना!

By आदित्य द्विवेदी | Updated: August 12, 2018 15:06 IST

PM Modi Independence Day speech: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं। पीएम मोदी को मिले ऐसे-ऐसे विषय पर सुझाव...

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नई दिल्ली, 12 अगस्तःस्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। अपने भाषण के लिए प्रधानमंत्री लोगों से सुझाव मांग रहे हैं। पिछले तीन साल में भी प्रधानमंत्री ने लोगों से सुझाव लेकर ही अपना भाषण दिया था। इस बारे में ट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने कहा, '15 अगस्त पर हमारे भाषण के बारे में आपके क्या विचार और सुझाव हैं? इसे आप विशेष रूप से बनाए गये एक मंच नरेन्द्र मोदी ऐप पर मेरे साथ साझा कर सकते हैं।' प्रधानमंत्री मोदी का यह पांचवा स्वतंत्रता दिवस भाषण होगा। 

इसके बाद mygov.in वेबसाइट पर लोगों के सुझाव का दौर शुरू हुआ। महंगाई, गरीबी, आरक्षण, सीमा सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर लोगों ने प्रधानमंत्री को बोलने के लिए कहा। माई गॉव वेबसाइट पर अलग-अलग भाषाओं में अब तक आठ हजार से भी ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि लोगों से प्राप्त कुछ सुझावों को प्रधानमंत्री अपने भाषण में शामिल कर सकते हैं। तो देर की किस बात की, प्रधानमंत्री के भाषण से पहले पढ़िए लोगों से मिले कुछ सुझाव।

देवेंद्र चंद्र कांत श्रोती लिखते हैं- भारत में अच्छी और सस्ती शिक्षण व्यवस्था कैसे बनेगी इस बारे में भी भाषण होना चाहिए। विद्यार्थी जो कि भारत में सबसे ज्यादा संख्या में है उनको अपने मन के मुताबिक पढ़ाई करने के लिए सहूलियत व उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए भाषण होना चाहिए। इस 15 अगस्त को विद्यार्थियों का भविष्य कैसे बने शिक्षक लोग कैसे हो इस पर ही फोकस करके भाषण होना चाहिए। ताकि देश का युवा बालक विद्यार्थी एक उज्जवल भविष्य की तैयारी करने में एकाग्रचित से जुड़ जाएगा। जय हिंद जय भारत वंदे मातरम।

नितिन चौधरी लिखते हैं-आदरणीय प्रधानमंत्री जी ईस 15 अगस्त को एक घोषणा लाल किले की प्राचीर से कर देनी चहिये। वो यह कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना। यह अगर हो गया तो मानो सब ठीक हो जायेगा। इसमें सब पार्टियों का रुख भी साफ दिख रहा है।

दीवान सिंह रावत लिखते हैं-महोदय देश की सुरक्षा में तैनात हमारे भारतीय सेना के जवान हर रोज शहीद होते हैं। क्यों नहीं भारतीय सेना और अन्य सिक्योरिटी फोर्सेज को बेहतर सुरक्षा उपकरण उपलब्ध किया जाय। देश के जवानों की शहादत अब और न सही जाय। और दूसरा बिंदु, युवाओं को रोजगार के नए और उचित अवसर प्रदान किये जायें। चयन आरक्षण के आधार पर न होकर काबिलियत के आधार पर हो, हां समान अवसर और आरक्षण की बात है तो आरक्षण गरीबों को मिले,गरीब की कोई जाति नहीं होती है।

संजय गुप्ता लिखते हैं- मैं आपसे अनुरोध करूँगा कि आप भारतीय रेलवे के बारे में कुछ कहे क्यों कि मैं कितने वर्षों से देखता चला आ रहा हूँ कि रेलवे हमेशा घाटे में जाता है उसकी असल वजह रेलवे कर्मचारी। कोई भी कर्मचारी अपना काम सही से और पूर्ण जिम्मेदारी से नही करता है। अधिकतर लोग ड्यूटी को टाइम पास की तरह लेते है। इस तरफ आप अपना ध्यान केंद्रित करें और इस ढीले रवैये को सही करें। रेलवे स्टेशन की सिर्फ चमक बढ़ाने से कोई फायदा नही होगा जब तक लोग नही सही होंगे। धन्यवाद । जय हिंद जय भारत।

देवकांत त्रिपाठी लिखते हैं-आदरणीय प्रधानमंत्री जी, आप कृपया १५ अगस्त को भारत के नागरिकों से जनसंख्या नियंत्रण हेतु निवेदन करें। क्योंकि दुनिया की १८ प्रतिशत आबादी भारत में रहती है जबकि भारत का भू भाग दुनिया का महज २.५ प्रतिशत है। अत आने वाले वर्षों​ में आर्थिक विकास के सारे प्रयास नाकाफी साबित होंगे और देश में संसाधनों पर कब्जा​ व अधिकारों को लेकर विवादों व अराजकता की विकट समस्या पैदा होगी। ऐसे में अभी इस समस्या पर देश हित में तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।

कपिल पटीदार लिखते हैं- मैं आपनी बात किसान हित और राष्ट्र हित में रख रहा हूं माननीय सासंदों को लोकसभा/राज्यसभा मे दोनो सदनों की कर्यवाही के दौरान माननीय सासंदों का बैठना ऐच्छिक (स्वेच्छिक) हो सकता है!! तो ऋणी किसानों को फसल बीमा मे फसल बीमा ऐच्छिक (स्वेच्छिक) आधिकार मिले ऋणी किसान को फसल बीमा का बंधन न हो। बहुत से सांसद सदन से गैरहाजिर रहते सासंद का कर्तव्य है कि सदन कि कार्यवाही के दौरान सासंद सदन में उपस्थित रह कर जनता के मुद्दे उठाये।

अनीता लिखती हैं-आरक्षण आर्थिक आधार पर रहना चाहिए। पूरे विश्व में कहीं भी जातियों के आधार पर आरक्षण नहीं होता, इसलिए जातियों के आधार पर राजनीति होती है और इसी के कारण देश की असली समस्यायें पीछे रह जाती हूं और समाज में बिखराव इसका सबसे बडा कारण हैं। हां किसी भी तरह के अत्याचार और भेदभाव के लिए बहुत मजबूत कानून बनना चाहिए और उसका पालन भी सुनिश्चित हो।

महेश राव लिखते हैं-श्रीमान महोदय मेरा बस यही कहना है कि आप उन आश्वस्त सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ कठोर प्रावधान करिये कि उन्हें ऐसा प्रतीत न हो कि उन्हें नौकरी विरासत में मिली है। जब तक देश का हर इक नागरिक देश कि उन्नति के बारे में नही सोचेगा तब तक हम विकास के मार्ग पे नहीं बढ़ पाएंगे। जय हिंद!

15 अगस्त के भाषण के लिए पीएम मोदी को मिले सभी सुझावों को पढ़ने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं। अगर आपका भी कोई सुझाव है तो भी आप इस लिंक पर क्लिक करके बता सकते हैं- Mygov.in

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