जम्मू-कश्मीर के किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, 12 लाख मीट्रिक टन सेब की करेगी खरीदारी
By रामदीप मिश्रा | Published: September 10, 2019 02:02 PM2019-09-10T14:02:02+5:302019-09-10T14:02:02+5:30
सरकार की ओर से धारा 370 के हटाये जाने के बाद इस क्षेत्र की ओर काफी ध्यान दिया जा रहा है। सूचना और जनसंपर्क विभाग इसको लेकर लगातार ट्वीट कर चुका है। कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग को हर तरह से लाभ पहुंचाया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। उसने सोमवार को ऐलान किया है कि किसानों से विशेष बाजार हस्तक्षेप योजना के माध्यम से 12 लाख मीट्रिक टन सेब की खरीद की जाएगी।
सूचना और जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) ने ट्वीट कर कहा, '12लाख मीट्रिक टन सेब की खरीद की जाएगी। वहीं, मुख्य सचिव ने योजना को लागू करने के लिए डीसी के साथ बैठक की। इस योजना के माध्यम से सम्पूर्णता उत्पादकों की आय करीब 2000 करोड़ रुपये हो जाएगी। विशेष बाजार हस्तक्षेप योजना मकसद किसानों को सेब की बेहतर कीमत दिलवाना है ताकि उनकी आमदनी बढ़ाई जा सके।
बताया गया है कि सोपोर (बारामूला), परिमपोरा (श्रीनगर), शोपियां और बटेंगो (अनंतनाग) में फलों की मंडियों में सेब को उत्पादकों/एग्रीगेटर्स से खरीदा जाता है। सरकार ने यह भी दावा किया है कि इससे बाजारों में बेबी फूड की कोई कमी नहीं होने वाली है।
बता दें कि सरकार की ओर से धारा 370 के हटाये जाने के बाद इस क्षेत्र की ओर काफी ध्यान दिया जा रहा है। सूचना और जनसंपर्क विभाग इसको लेकर लगातार ट्वीट कर चुका है। कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग को हर तरह से लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसके बताया गया अनुच्छेद 370 हटने के बाद महिलाओं को "पूर्ण अधिकार" कैसे प्राप्त हो इसके लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं।
इससे पहले अगस्त में देश की नरेंद्र मोदी सरकार अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था, जिसने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था। केंद्र सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया।