100 दिन बाद 45 वर्षीय अर्चना देवी ने कोविड महामारी को दी मात, कहा-भगवान का शुक्रिया, परिजन के कारण जिंदा हूं

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 1, 2021 02:11 PM2021-08-01T14:11:30+5:302021-08-01T14:30:08+5:30

पूरे 100 दिन बाद इन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली। 45 वर्षीय अर्चना देवी कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण से संक्रमित हो गई थी। उन्हें 21 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

100 days 45 year old Archana Devi COVID treatment admitted on April 21 and was discharged on July 30 Meerut up | 100 दिन बाद 45 वर्षीय अर्चना देवी ने कोविड महामारी को दी मात, कहा-भगवान का शुक्रिया, परिजन के कारण जिंदा हूं

सही सलामत घर पहुंचने पर परिजनों के चेहरे खिल उठे।

Highlightsअर्चना देवी ने अपने जज्‍बे और हौसलों से कोरोना वायरस को पूरे 100 दिन बाद मात दी। इलाज लंबे समय तक स्‍टेरायड पर ही चलता रहा।अर्चना डिस्‍चार्ज होकर घर पहुंची तो परिजनों ने उनका स्‍वागत किया।

मेरठः एक ओर जहां कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो न सिर्फ कोरोना का डटकर मुकाबला कर रहे हैं बल्कि उसे मात भी दे रहे हैं।

ये हैं मेरठ की ततियाना निवासी अर्चना देवी। कोरोना के खिलाफ इन्होंने डटकर मुकाबला किया। पूरे 100 दिन बाद इन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली। 45 वर्षीय अर्चना देवी कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण से संक्रमित हो गई थी। उन्हें 21 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

अर्चना देवी ने अपने जज्‍बे और हौसलों से कोरोना वायरस को पूरे 100 दिन बाद मात दी। अर्चना को डॉ. योगिता सिंह की देखरेख में मेरठ मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन आइसीयू में भर्ती करवाई गईं। बेहोशी की स्थिति में उन्हें अस्पताल लाया गया गया था। इतना ही नहीं उनका ऑक्सीजन सैचुरेशन 30 फीसद रह गया था।

वहीं इस मामले में जेआर-3 डॉ. रजत मिश्र ने बताया कि अर्चना के फेफड़ों में गहरा संक्रमण था. उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। इसके चलते डेढ़ महीने तक उन्हें बाईपैप पर रखना पड़ा.इतना ही नहीं अर्चना देवी का डी-डाइमर समेत सभी इंफ्लामेटरी मार्कर भी कई गुना था।

लेकिन डॉक्टरों की देखरेख, सही इलाज और अर्चना देवी के  जिंदगी जीने के जज्बे के चलते धीरे-धीरे उनकी तबीयत में सुधार आया। कोरोना से गंभीर संक्रमित होने के बाद अर्चना का इलाज डेढ़ महीने तक बाइपैप पर चला. उनका इलाज लंबे समय तक स्‍टेरायड पर ही चलता रहा।

वहीं डॉ. योगिता सिंह ने बताया कि लंबे समय तक स्टेरायड चलने के बाद भी महिला ब्लैक फंगस से बची रही। उन्हें बीते गुरुवार को डिस्चार्ज किया गया। इस दौरान उनका आक्सीजन सैचुरेशन 94 फीसद से ज्यादा था। वहीं, अर्चना डिस्‍चार्ज होकर घर पहुंची तो परिजनों ने उनका स्‍वागत किया।

उनके सही सलामत घर पहुंचने पर परिजनों के चेहरे खिल उठे। उन्‍होंने डाक्‍टरों का आभार व्‍यक्‍त करने के साथ ही भगवान का भी शुक्रिया अदा किया.अर्चना देवी जैसे देश दुनिया में सैकड़ों ऐसे लोग हैं जो अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बनकर उभरे हैं कि गंभीर से गंभीर बीमारी को भी कैसे हराया जा सकता है। बस जरूरत है तो सही इलाज, थोड़ी सावधानी और हिम्मत के साथ थोडे़ साहस की।

कोलकाता के बुजुर्ग, बीमार निवासियों को घर जाकर लगाया जाएगा कोविड-19 रोधी टीका

पश्चिम बंगाल का कोलकाता नगर निगम (केएमसी) जल्द ही शहर के बुजुर्ग और बीमार निवासियों के पास उन्हें कोविड-19 रोधी टीके की खुराक देने जाएगा। केएमसी प्रमुख फिरहाद हाकिम ने कहा कि कोलकाता के कई निवासी 80 साल से अधिक की आयु के हैं तथा कुछ 60 साल से अधिक की आयु के हैं और गंभीर रूप से बीमार हैं।

वे कोविड टीकाकरण केंद्रों तक नहीं जा सकते हैं। विशेष अभियान के दौरान इन लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी। हाकिम ने बताया कि नगर निकाय स्वास्थ्यकर्मी ऐसे लोगों के आवास पर तभी जाएंगे, यदि उनके परिवार के बाकी सभी सदस्यों ने टीका लगवा लिया होगा।

परिवार का कोई भी सदस्य नजदीक के टीकाकरण केंद्र जा सकता है और ऐसे बुजुर्ग और बीमार लोगों का नाम टीकाकरण के लिए पंजीकृत करा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ये उन लोगों को टीका लगाने की पहल है जो बुजुर्ग हैं तथा अपने घरों से बाहर नहीं आ सकते। हमने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से बात की और इसके लिए व्यवस्था की।’’ उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होगी।

Web Title: 100 days 45 year old Archana Devi COVID treatment admitted on April 21 and was discharged on July 30 Meerut up

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे