Coronavirus: भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कोच हरेंद्र सिंह एयरपोर्ट पर बचा रहे हैं लोगों की जान

By भाषा | Published: March 20, 2020 08:01 PM2020-03-20T20:01:17+5:302020-03-20T20:01:17+5:30

कोच हरेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘उस दिन हम भारत की जनता को बाहर से लेकर आ रहे हैं। करीब 300 लोग मिलान से भारत लौटेंगे।’’

Former hockey coach Harendra Singh is India’s first line of defence against Covid-19 | Coronavirus: भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कोच हरेंद्र सिंह एयरपोर्ट पर बचा रहे हैं लोगों की जान

Coronavirus: भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कोच हरेंद्र सिंह एयरपोर्ट पर बचा रहे हैं लोगों की जान

Highlightsकोच हरेंद्र सिंह ने भारतीय जूनियर हॉकी टीम को विश्व कप दिलाया थाहरेंद्र सिंह एयर इंडिया के महाप्रबंधक के तौर पर कोरोना वायरस के खिलाफ काम कर रहे हैं

नई दिल्ली। चार साल पहले जिस ‘सी 33' सूत्र के जरिए कोच हरेंद्र सिंह ने भारतीय जूनियर हॉकी टीम को विश्व कप दिलाया था, वही एयर इंडिया के महाप्रबंधक के तौर पर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उनकी ‘टी थ्री’ टीम का फलसफा बन गया। लखनऊ में जब भारतीय हाकी टीम ने हरेंद्र के मार्गदर्शन में विश्व कप जीता था, तब उन्होंने खिलाड़ियों को ‘सी 33’ मंत्र बताया था जिसमें कम्युनिकेशन, को आर्डिनेशन, कमिटमेंट, कोहैसिवनेस वगैरह वगैरह शामिल थे।

अब इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया महाप्रबंधक (वाणिज्यिक) की भूमिका में एक बार फिर हरेंद्र ने पुरानी डायरी से वह पन्ना निकाला। चीन, जापान, इटली समेत दुनिया भर से भारतीयों के लौटने के बीच हवाई अड्डे पर एयर इंडिया टीम की कमान संभाल रहे पूर्व हॉकी कोच हरेंद्र ने भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘नागर विमानन मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक में एयर इंडिया की ओर से मैं गया था। उसके बाद तय किया गया कि वुहान और उसके आसपास के इलाकों से भारतीयों को एयर इंडिया की उड़ान से लाया जायेगा।’

एयर इंडिया 31 जनवरी और एक फरवरी को वुहान से 637 भारतीयों और मालदीव के सात नागरिकों को भारत लाया । इसके बाद जापान के याकोहामा में डायमंड प्रिंसेस क्रूज में फंसे 119 भारतीयों और पांच विदेशी नागरिकों को एयर इंडिया की विशेष उड़़ान से 27 फरवरी को लाया गया। हॉकी कोच के तौर पर रणनीति बनाने और उस पर अमल कराने का उनका अनुभव यहां काफी काम आया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कदम कदम पर हाकी कोच के तौर पर अपने अनुभव का फायदा मिला। मैने जो ‘सी 33’ विश्व कप के लिये बनाया था, वह पन्ना मेरी पत्नी ने संभालकर रखा था । मैने उसे निकाला और यहां अपनी टीम को दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीम में तालमेल और रणनीति पर अमल सबसे अहम था। मेरी टीम में महिलाओं समेत 45 लोग थे जिनमें से कोर टीम में छह से आठ लोग थे। यह टीम 72 घंटे लगातार टी थ्री पर डटी रही।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वुहान की दोनों उड़ाने कठिन थी, लेकिन मैं सभी यात्रियों और छात्रों की तारीफ करूंगा। वहां से लौटने के बाद अपने देश आने का इत्मीनान उनकी आंखों में देखा और मुझे लगा कि यह काम करना ही है।’’

एक अनजाने डर के साथ विदेश से लौट रहे भारतीयों को ढांढस बंधाना और उनके सवालों का संयम के साथ जवाब देने में भी हरेंद्र का अनुभव कारगर साबित हुआ । आपरेशन कंधार के समय एयर इंडिया की टीम में हवाई अड्डे पर स्टैंडबाय रहे हरेंद्र ने कहा, ‘‘हॉकी कोच के तौर पर रही मेरी ऊर्जा बहुत काम आई। मुझे लगता है कि यह मानसिकता की बात है । अगर आप किसी भी रूप में देश के लिये कुछ कर रहे हैं तो अलग ही सुकून मिलता है और उसका कोई विकल्प नहीं है।’’

अपनी टीम की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हम विमान के भारतीय सरजमीं छूने के बाद का सारा काम देखते हैं। इमिग्रेशन, कस्टम के बाद यात्रियों को खुद लेकर आते हैं। मेरी टीम विमान में जाती है , उनके बैगेज को छूते हैं, स्क्रीनिंग करके लोड कराते हैं। फिर सेना उसे डिसइंफैक्ट करती है। फिर यात्रियों को मानेसर या आईटीबीपी ले जाया जाता है।’’ उन्होंने बताया कि कल भी दिल्ली से एयर इंडिया की उड़ान मिलान जायेगी जो 22 मार्च को लौटेगी जिस दिन ‘जनता कर्फ्यू’ है। उन्होंने कहा ,‘‘ उस दिन हम भारत की जनता को बाहर से लेकर आ रहे हैं। करीब 300 लोग मिलान से भारत लौटेंगे।’’

Web Title: Former hockey coach Harendra Singh is India’s first line of defence against Covid-19

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