ब्रेडा (नीदरलैंड्स), 30 जून। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने आठ बार की चैंपियन नीदरलैंड्स की टीम से 1-1 से ड्रॉ खेलकर चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है। फाइनल में भारतीय टीम का सामना 14 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से होगा। भारतीय टीम नें रॉबिन राउंड में खेले पांच मैचों में दो जीत, दो ड्रॉ और एक हार के साथ आठ अंक लेकर चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में दूसरी बार जगह बनाई है। वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पांच मैचों में तीन जीत, एक ड्रॉ और एक हार के साथ 10 अंक लेकर फाइनल में जगह बनाई है।
भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाने के लिए नीदरलैंड्स के साथ सिर्फ ड्रॉ खेलने की जरूरत थी, जबकि नीदरलैंड्स की टीम को फाइनल में पहुंचने के लिए जीत की दरकार थी। मैच में पहला गोल भारतीय टीम ने 47वें मिनट में किया और नीदरलैंड्स के खिलाफ बढ़त बनाई, नीदरलैंड्स की टीम ने 55वें मिनट में गोल कर स्कोर बराबरी पर ला दिया। हालांकि इसके बाद दोनों ही टीमें कोई गोल नहीं कर पाईं और मुकाबला 1-1 की बराबरी पर खत्म हुआ। भारत की ओर से गोल मंदीप सिंह ने किया, जबकि नीदरलैंड्स के लिए थिएरी ब्रिंकमेन ने 55वें मिनट में बराबरी का गोल दागा। (खेल जगत की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें)
पहले हाफ के दो क्वॉर्टर में भारतीय टीम को दो और नीदरलैंड्स को तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन दोनों ही टीमें इसे गोल में बदलने में नाकामयाब रही। चौथे और आखिरी क्वार्टर में 47वें मिनट में भारतीय टीम को तीसरी पेनाल्टी कॉर्नर मिली और हरमनप्रीत ने इस पर शॉट लगाया, जिसे नीदरलैंड्स के गोलकीपर ने रोक दिया। लेकिन मनदीप सिंह ने दूसरे प्रयास में गोल कर भारत को पहली बढ़त दिला दी।
भारतीय टीम अपनी बढ़त को ज्यादा देर तक कायम नहीं रह पाई और नीदरलैंड्स की ओर से थिएरी ब्रिंकमेन ने 55वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 की बराबरी पर ला दिया। भारत ने रेफरल की जरिए इस गोल को रद्द करने की मांग की, लेकिन वीडियो अंपायर ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद नीदरलैंड्स ने 58वें मिनट में गोल के जरिए 2-1 की बढ़त हासिल की। भारत ने रेफरल मांगा, जिस पर मैच रेफरी ने फैसला भारत के पक्ष में सुनाया। इसके बाद 59वें मिनट में नीदरलैंड्स को लगातार तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिली, लेकिन वो इसे गोल में नहीं बदल पाए।