नहीं रहे ओलंपियन बलबीर सिंह जूनियर, 1958 एशियन गेम्स में सिल्वर मेडलिस्ट टीम के सदस्य रहे...
By बलवंत तक्षक | Published: April 13, 2021 02:56 PM2021-04-13T14:56:10+5:302021-04-13T14:57:21+5:30
1958 एशियाई खेलों की भारतीय हॉकी टीम के रजत पदक जीतने वाले बलबीर सिंह जूनियर ने रविवार को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली.
चंडीगढ़ः पूर्व हाकी खिलाड़ी बलबीर सिंह जूनियर नहीं रहे. एशियन गेम्स में सिल्वर मेडलिस्ट टीम के सदस्य रहे जूनियर 89 वर्ष के थे.
लंबे समय से बीमार चल रहे जूनियर ने सेक्टर-34 स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली. सेक्टर-25 के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पंजाब में जालंधर जिले के संसार पुराने गांव में 2 मई, 1932 को जन्मे जूनियर के अंतिम संस्कार के मौके पर अमेरिका में रह रही बेटी मनदीप कौर चंडीगढ़ पहुंच गई थी, जबकि कनाडा में रह रहा बेटा हर मनजीत सिंह नहीं पहुंच पाया.
जूनियर की पत्नी सुखपाल कौर ने बताया कि सुबह पांच बजे के करीब उन्हें उठाने की कोशिश की गई तो पता चला कि उन्होंने दुनिया छोड़ दी है. वे काफी समय से दिल की बीमारी से पीड़ित थे. सुखपाल कौर ने बताया कि बलबीर सिंह सीनियर से उनकी अच्छी दोस्ती थी और कई मौकों पर वे एक साथ खेले थे.
पिछले साल जब सीनियर ने दुनिया को अलविदा कहा तो वे कई दिनों तक दुखी रहे थे. करीब छह वर्ष की उम्र में हाकी स्टिक पकड़ने वाले जूनियर राष्ट्रीय हाकी का एक जाना पहचाना चेहरा थे. 1984 में वे सेना से बतौर मेजर रिटायर हुए थे. भारतीय रेलवे को हाकी के क्षेत्र में बुलंदियों पर ले जाने में उनकी अहम भूमिका रही.
2 मई, 1932 को पंजाब के संसारपुर में जन्मे बलबीर सिंह जूनियर ने छह साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू किया था, जब उनके बड़े भाई गाँव में हॉकी मैदान में खेल खेलते थे. 1950 के दशक में भारतीय रेलवे टीम में शामिल होने से पहले लायलपुर खालसा कॉलेज और बाद में डीएवी कॉलेज, जालंधर के एक छात्र, बलबीर सिंह जूनियर पंजाब यूनिवर्सिटी की टीम में खेलने के अलावा इंटर यूनिवर्सिटी हॉकी टूर्नामेंट में पंजाब यूनिवर्सिटी टीम की कप्तानी भी की.