पानी में अधिक देर रखने से क्यों सिकुड़ती है उंगलियों की त्वचा, जानें असली वजह
By गुलनीत कौर | Published: June 27, 2018 02:05 PM2018-06-27T14:05:02+5:302018-06-27T14:05:02+5:30
शोध के अनुसार त्वचा के सिकुड़ने के बाद उंगलियों की पकड़ 12 प्रतिशत बढ़ जाती है।
गर्मी के मौसम में हमें पानी से प्यार ही हो जाता है। थोड़ी-थोड़ी देर में हमें पीने के लोइए ठंडा पानी या शरबत मिलता रहे या फिर हम खुद ही पूरा दिन ठंडे पानी में लेते रहें, बस यही ख्वाहिश होती है। इसलिए गर्मियों में लोग तालाब, झील या फिर वाटर पार्क जाने का प्लान बनाते रहते हैं। लेकिन क्या कभी आपने गौर किया हैं कि लंबे समय तक पानी में रहने से हमारे हाथ और पांव की उंगलियों की त्वचा सिकुड़ने लगती है?
कई बार हम कुछ मिनटों के लिए भी पाने में हाथ डालते हैं या फिर पानी से संबंधित कोई काम अधिक देर तक करते हैं, जैसे कि कपड़े धोना, बर्तन साफ करना, आदि काम अगर अधिक देर तक किए जाएं तो हाथों की उंगलियों की त्वचा श्रिंक होने लगती है। फिर कुछ मिनटों के बाद ही ये अपने आप सही भी हो जाती हैं।
शोध में हुए खुलासे
इस विषय पर कई शोधकर्ताओं ने शोध किए और यह पाया है कि पानी में अधिक देर तक रहने से उंगलियां सिकुड़ तो जाती हैं, लेकिन इनका सिकुड़ना अच्छा भी है। शोधकर्ताओं की मानें गत्तो पानी में उंगलियों कीकिसी भी चीज को पकड़ने की क्षमता कम हो जाती है। पकड़ ढीली पड़ने लगती है। ऐसे में थोड़ी देर बाद जैसे ही उंगलियों की त्वचा सिकुड़ने लगती है तो यह पकड़ मजबूत हो जाती है।
शोध के अनुसार त्वचा के सिकुड़ने के बाद उंगलियों की पकड़ 12 प्रतिशत बढ़ जाती है। इससे हम पानी में किसी भी चीज को आसानी से पकड़ कर रख सकते हैं। फिर फिसलन कम महसूस होती है। यह एक प्राकृतिक क्रिया है जिसमें शरीर खुद को पानी के हिसाब से ढालने लगता है, ताकि हम पानी में अच्छे से सर्वाइव कर सकें।
क्यों सिकुड़ती है उंगलियों की त्वचा?
लेकिन आखिर उंगलियों की त्वचा सिकुड़ती क्यूं है इसके पीछे एक वैज्ञानिक वजह है। शोध के मुताबिक पानी में ज्यादा समय तक रहने से दिमाग हमारी नसों को कुछ खास सिग्नल भेजता है। इन संकेतों की वजह से यहां की नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिस वजह से रक्त का बहाव इधर सही नहीं हो पाता है। परिणामस्वरूप इस हिस्से की त्वचा भी सिकुड़ने लगती है। लेकिन पानी से बाहर निकालने के कुछ मिनटों बाद जब रक्त का बहाव सही हो जाता है तो त्वचा वापस नार्मल होने लगती है।