साड़ी कैंसर क्या होता है और क्यों होता है? जानें, यहां कैसे कर सकते हैं इससे बचाव..

By आकाश चौरसिया | Published: April 2, 2024 09:55 AM2024-04-02T09:55:02+5:302024-04-02T10:53:39+5:30

साड़ी कैंसर अक्सर भारतीय महिलाओं को ही होता है क्योंकि यहां पर महिलाएं साड़ी पहनती हैं। कई महिलाएं इसे 12 महीने और सातों दिन पहनती हैं। लेकिन, किसी को ये नहीं मालूम कि इससे कैंसर जैसी बड़ी बीमारी भी हो सकती है। 

What is Saree Cancer and how does it occur? Know here how you can prevent | साड़ी कैंसर क्या होता है और क्यों होता है? जानें, यहां कैसे कर सकते हैं इससे बचाव..

फाइल फोटो

Highlightsआज हम उस मुद्दे पर बात करने जा रहे हैं, जिसका अंदाजा महिलाओं को एकदम नहीं होगालेकिन रोजाना के उपयोग में लाई जा रही साड़ी इसकी एक बड़ी वजह हैडॉक्टर की मानें तो कभी न ठीक होने वाला कैंसर ऐसे भी हो सकता है

नई दिल्ली: आज हम वो बात बताने जा रहे हैं, जिसका अंदाजा आपको एकदम नहीं होगा, लेकिन रोजाना के उपयोग में लाई जा रही साड़ी से एक लंबी बीमारी और कभी न ठीक होने वाला कैंसर भी हो सकता है। भारत में महिलाएं बेहद शान से पांच से छह मीटर लंबी साड़ी पहनने पर गर्व करती हैं। लेकिन, किसी को ये नहीं मालूम कि इससे कैंसर जैसी बड़ी बीमारी भी हो सकती है। 

ऐसे में आप ये जानिए कि अगर आप कपड़े यानी साड़ी सही तरीके से नहीं पहनते हैं तो आपको सीधे तौर पर कैंसर हो सकता है। साड़ी कैंसर अक्सर भारतीय महिलाओं को ही होता है क्योंकि यहां पर महिलाएं साड़ी पहनती हैं। कई महिलाएं इसे 12 महीने और सातों दिन पहनती हैं। साड़ी को पहनने से पहले महिलाएं सूती का पेट्टीकोट भी पहनती हैं, जो उनकी कमर को कई हद तक कस देता है।

अब इसपर पीआरएसआई अस्पताल, दिल्ली के कैंसर सर्जन डॉ. विवेक गुप्ता के अनुसार, अगर कोई महिला एक ही कपड़ा कई दिनों तक पहनती हैं, तो उनकी कमर में रगड़ खाने लगती है और इससे त्वचा छील जाती है और कमर में काले धब्बे पड़ जाते हैं।

इसके साथ ही यह एक तरह की साइकिल शुरू हो जाती है, जिससे धब्बे, छीलन पैदा हो जाती है और इससे कैंसर की शुरुआत हो सकती है। लेकिन, डॉक्टर के मुताबिक अगर आपने स्वच्छता बरकरार रखी, तो आपको इससे निजात मिल जाएगी और आप कभी भी इसके शिकार नहीं होंगे। साड़ी पहनने पर जहां-जहां ज्यादा गर्मी और नमी होती है, वहां कैंसर के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। 

इस तरह के केस अभी तक बिहार और झारखंड में दर्ज किए गए हैं। अभी भारत में साड़ी कैंसर के मामले मात्र एक फीसदी है। इसे मेडिकली भाषा में 'त्वचा कोशिकाओं का कार्सिनोमा' माना जाता है। 

इस पर रिसर्च मुंबई के आरएन कूपर अस्पताल में हुई है। इस रिसर्च में धोती को शामिल कर उसपर भी अपनी अनवेषण किया गया। इस तरह से साड़ी कैंसर का नाम बॉम्बे अस्पताल के द्वारा दिया गया, यह तब दिया गया जब 68 वर्षीय महिला को साड़ी कैंसर हुआ था। वह महिला पिछले 13 साल से साड़ी पहन रही है।

Web Title: What is Saree Cancer and how does it occur? Know here how you can prevent

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