बच्चों को पेट में अल्सर, पित्त की पथरी, कब्ज, खून की कमी, पेटदर्द, कमजोर लीवर जैसे 10 रोगों का सिर्फ एक इलाज

By उस्मान | Published: October 22, 2018 01:29 PM2018-10-22T13:29:23+5:302018-10-22T13:29:23+5:30

वेस्टर्न फूड का चलन होने के कारण बच्चों व बड़ों को फास्ट फूड व पैक्ड फूड अधिक पसंद आ रहा है। इसकी वजह से बच्चे कई तरह की पेट की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। इससे उन्हें पेट में अल्सर, लीवर कमजोर होना, पित्त की थैली व नली में पथरी होना, बच्चों में कब्ज, एसीडिटी रहना, भूख नहीं लगना और शरीर का विकास रुकना और चिड़चिड़ापन की समस्या रहने लगती हैं।

treatment for gallstones, stomach ulcer, constipation, anemia in childrens | बच्चों को पेट में अल्सर, पित्त की पथरी, कब्ज, खून की कमी, पेटदर्द, कमजोर लीवर जैसे 10 रोगों का सिर्फ एक इलाज

फोटो- पिक्साबे

खराब लाइफस्टाइल और डाइट के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को पेट, आंत, लीवर, पेनक्रियास, गॉल ब्लैडर से जुड़े रोगों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं युवा एवं वृद्ध स्त्रियों में गैस और कब्ज, पेट में दर्द रहने, बार-बार उल्टी आने, खाना नहीं पचने की बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। वेस्टर्न फूड का चलन होने के कारण बच्चों व बड़ों को फास्ट फूड व पैक्ड फूड अधिक पसंद आ रहा है। इसकी वजह से बच्चे कई तरह की पेट की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। इससे उन्हें पेट में अल्सर, लीवर कमजोर होना, पित्त की थैली व नली में पथरी होना, बच्चों में कब्ज, एसीडिटी रहना, भूख नहीं लगना और शरीर का विकास रुकना और चिड़चिड़ापन की समस्या रहने लगती हैं। अजमेर स्थित मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर मनोज कुमार और पीडियाट्रिक गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रियंका उदावत आपको बता रहे हैं कि लाइफ कब्ज, एसिडिटी, उल्टी, अपच, स्टाइल और डाइट में बदलाव करके आप अपने बच्चों को कैसे इन गंभीर रोगों से बचा सकते हैं। 

पेट, आंत, लीवर, पेनक्रियास, गॉल ब्लैडर के रोगों के बढ़ने की वजह
डॉक्टर के अनुसार, बच्चों से लेकर बड़ो तक सभी को बेहतर लाइफस्टाइल और डाइट की बारे में डिटेल कांउसलिंग होना बहुत जरूरी है। सही डाइट नहीं लेने और सही उपचार नहीं कराने से लोगों में पेट, आंत, लीवर, पेनक्रियास, गॉल ब्लैडर संबंधित बीमारियों के बढ़ने की वजह है। 

पेट, आंत, लीवर, पेनक्रियास, गॉल ब्लैडर के रोगों के लक्षण
डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि युवा एवं वृद्ध स्त्रियों में गैस और कब्ज की शिकायत से पीड़ित, पेट में दर्द रहने, बार-बार उल्टी आने, खाना नहीं पचने की बीमारियों से ग्रसित लोगों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कुछ गंभीर मामलों में रोगियों की पेट व आंत की एण्डोस्कोपिक (दूरबीन द्वारा ) जांच भी की सलाह दी जा सकती है। 

बच्चों में पेट से जुड़ी बीमारियों के बड़े कारण
डॉक्टर प्रियंका उदावत ने बताया कि वर्तमान में वेस्टर्न फूड का चलन होने के कारण बच्चों व बड़ों को फास्ट फूड व पैक्ड फूड अधिक पसंद आ रहा है। इसकी वजह से बच्चे कई तरह की पेट की बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। बच्चों को चॉकलेट, टॉफी और अन्य मीठी चीजें खाना बहुत पसंद होता है। परिजन उनका इलाज तो करा लेते हैं लेकिन सही डाइट पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। नतीजतन बच्चों में पेट की तकलीफ बढ़ती जा रही हैं। 

फास्ट फूड से अल्सर, पित्त की थैली में पथरी का खतरा
डॉक्टर प्रियंका का कहना है कि बच्चों के मामले में उनकी बीमारी का रूट कॉज पता चलता है और सही उपचार के साथ सही आहार मिलता है तो रोग से जल्दी स्वस्थ्य हुआ जा सकता है। कोल्ड ड्रिंक पीने व फास्ट फूड खाने की आदत से पेट से संबंधित बीमारियां बच्चों में सामान्य तौर पर रहने लगी हैं। उनके पेट में अल्सर की समस्या हो जाती है, जिसका बाद में पता चलता है। लीवर कमजोर हो जाता है, पित्त की थैली व नली में पथरी होती है, बच्चों में कब्ज, एसीडिटी रहती है, भूख नहीं लगती, शरीर का विकास रुक जाता है, चिड़चिड़ापन रहने लगता है, बच्चों के शरीर में विविध पोषक तत्वों की कमी होने लग जाती है। लम्बे समय तक पौष्टिक आहार नहीं लेने से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने लगती है, जो बाद में एलर्जी होने आदि अन्य तकलीफों का कारण बन जाती हैं।

बच्चों में गेहूं से एलर्जी का बड़ा खतरा
प्रियंका ने बताया कि गेहूं से एलर्जी पीड़ित बच्चों की संख्या भी इनदिनों ज्यादा बढ़ने लगी है। इसके कारण बच्चों का कद छोटा रहना, दस्त होना, पेट फूलना, खून की कमी रहना, कब्ज होना तथा उपचार ना लिए जाने पर आगे जाकर आंतों के कैंसर की समस्या व लीवर खराब होने की समस्या भी हो सकती है। जो कि प्रत्येक अभिभावक के लिए बच्चों के खान-पान पर ध्यान देने का विषय है। किसी भी तरह का लक्ष्ण दिखाई देने पर उन्हें समय पर चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। जिससे बच्चों का विकास अवरुद्ध ना रहे।

डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टर के अनुसार, अगर आपके बच्चे में इस तरह का कोई लक्षण नजर आता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। बेशक कई हॉस्पिटल में पेट व आंत की एण्डोस्कोपिक (दूरबीन द्वारा) जांच, कॉलोनोस्कोपी, पित्त की नली की पथरी निकालना (ईआरसीपी) आदि सेवाएं उपलब्ध हैं। हालांकि आपको अपने बच्चों की डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखना चाहिए ताकि इन उपचारों की जरूरत ना पड़े।

Web Title: treatment for gallstones, stomach ulcer, constipation, anemia in childrens

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