भारत में चुनिंदा गर्भपात के चलते 2030 तक लड़कियों के जन्म की संख्या में आएगी 68 लाख की कमी: अध्ययन

By भाषा | Published: August 31, 2020 04:19 PM2020-08-31T16:19:56+5:302020-08-31T16:27:58+5:30

बताया जा रहा है कि लड़कियों के जन्म में सर्वाधिक कमी उत्तर प्रदेश में सामने आएगी

study says Selective abortion in India may cause 6.8 mn less girls born by 2030 | भारत में चुनिंदा गर्भपात के चलते 2030 तक लड़कियों के जन्म की संख्या में आएगी 68 लाख की कमी: अध्ययन

भारत में चुनिंदा गर्भपात के चलते 2030 तक लड़कियों के जन्म की संख्या में आएगी 68 लाख की कमी: अध्ययन

Highlightsसबसे अधिक कमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेगीभारत में प्रसव पूर्व लिंग चयन और सांस्कृतिक रूप से लड़कों को अधिक प्राथमिकता दिए जाने की वजहसमूचे भारत में 2017 से 2030 तक 68 लाख कम लड़कियां पैदा होंगी

भारत में चुनिंदा गर्भपात के चलते 2030 तक लड़कियों के जन्म के आंकड़े में लगभग 68 लाख की कमी आएगी और सबसे अधिक कमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेगी। सऊदी अरब की किंग अब्दुल्ला यूनिवसिर्टी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटे डे पेरिस, फ्रांस के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद यह बात कही है।

प्रसव पूर्व लिंग चयन से बिगड़ा संतुलन

उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में प्रसव पूर्व लिंग चयन और सांस्कृतिक रूप से लड़कों को अधिक प्राथमिकता दिए जाने की वजह से 1970 के दशक के समय से जन्म के समय लैंगिक अनुपात में असंतुलन रहा है।

लड़कियों के जन्म में सर्वाधिक कमी उत्तर प्रदेश में

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस तरह के असंतुलन से प्रभावित दूसरे देशों के विपरीत भारत में लैंगिक अनुपात में असंतुलन क्षेत्रीय विविधता के हिसाब से अलग-अलग है। पत्रिका ‘पीएलओएस वन’ में प्रकाशित हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि लड़कियों के जन्म में सर्वाधिक कमी उत्तर प्रदेश में सामने आएगी जहां 2017 से लेकर 2030 तक अनुमानत: 20 लाख कम लड़कियां पैदा होंगी।

अध्ययन में कहा गया, ‘‘समूचे भारत में 2017 से 2030 तक 68 लाख कम लड़कियां पैदा होंगी।’’ शोधकर्ताओं ने कहा कि 2017 से 2025 के बीच प्रतिवर्ष औसतन 4,69,000 कम लड़कियां पैदा होंगी। वहीं, 2026 से 2030 के बीच यह संख्या प्रतिवर्ष लगभग 5,19,000 हो जाएगी। भारत में 1994 में चुनिंदा लैंगिक गर्भपात और प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर रोक लगा दी गई थी। 

क्या होता है गर्भपात?  
गर्भाश्य में किसी कारण भ्रूण का अपने आप अंत हो जाना ही गर्भपात कहलाता है. ऐसा माना जाता है कि लगभग 15 से 18%  गर्भावस्था गर्भपात में समाप्त होती है। कुछ परिस्थितयों में महिला अपने गर्भावस्था से ही अज्ञात होती है और पीरियड्स मिस होने के ततपश्चात ही उनका गर्भपात हो जाता है। कई बार लोग चुनिंदा गर्भपात भी करा लेते हैं। यह ऐसे मामले में होता है जब कपल्स फैमिली प्लानिंग नहीं चाहते हों।

गर्भपात के कुछ लक्षण है:
योनि में रक्तस्राव 
पेट या पीठ के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन होना 
योनि से तरल पदार्थ का निर्वहन
योनि से ऊतक का निर्वहन  
गर्भावस्था के लक्षणों का अनुभव न होना, जैसे कि स्तन कोमलता महसूस करना

Web Title: study says Selective abortion in India may cause 6.8 mn less girls born by 2030

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