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बच्चे को हकलाने और तुतलाने की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं ये 3 घरेलू उपाय

By उस्मान | Updated: October 29, 2019 16:04 IST

आमतौर पर बच्चा 3-4 साल की उम्र तक साफ बोलने लगता है। ऐसा न हो तो बच्चों के डॉक्टर को दिखाएं। 

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छोटे बच्चे कई बार बोलते समय हकलाते हैं, जो सामान्य है लेकिन अगर आपके बच्चे की उम्र दो साल से अधिक है और बोलते समय हकलाता है, तो चिंता का विषय है। इस स्थिति को नजरअंदाज करना आपको महंगा पड़ सकता है क्योंकि समय पर ध्यान नहीं देने से यह उसके लिए जीवन भर की स्थिति बन सकती है। 

बचपन में बच्चों को इस तरह हकलाकर बोलना हर किसी को अच्छा लगता है। मगर कई बार यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि बच्चों को अपनी बात पूरी करने में काफी समय लग जाता है। कई बच्चे बड़े होकर भी तुतलाते रहते हैं। इसी तरह हकलाहट की समस्या भी अक्सर बच्चे के विकास में बाधक बनती है।

 

हकलाने के कारण

बच्चे के हकलाने के कई कारण होते हैं। यह जेनेटिक समस्या हो सकती है, इसका मतलब है अगर आपको यह समस्या है, तो आपके बच्चे को भी हो सकती है। कई बार दिमागी समस्या की वजह से भी ऐसी स्थिति हो सकती है। एक्सपर्ट मानते हैं कि जिन फैमिली का लाइफस्टाइल बहुत ज्यादा फ़ास्ट होता है अक्सर उनके बच्चों में भी यह समस्या देखने को मिलती है। 

हकलाने से छुटकारा पाने के उपाय

1) गाय का घी  घी खाने से सेहत को अनगिनत फायदे होते हैं। घी के सेवन से बच्चे की हकलाने की समस्या दूर हो सकती है। यदि आपका भी बच्चा हकलाता है, तो आपको उसे रोजाना गाय के घी में बना खाना देना चाहिए या फिर चटाना चाहिए। ऐसा नियमित करने से हकलाने की समस्या दूर हो सकती है।

2) ब्राह्मी तेल अगर आपका बच्चा हकलाता है, तो नियमित रूप से उसके सिर पर ब्राह्मी तेल हल्का गर्म करके मसाज करें। मसाज करने के बाद हल्का गर्म पानी से बच्चे को लगाएं। ऐसा नियमित करने से बच्चों का हकलाना ठीक हो सकता है।

3) आंवलाआंवला को आयुर्वेद में अमृत का गया है। आंवला से कई तरह की बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। रोजाना  एक चम्मच आंवले के पाउडर को देसी घी में मिलाकर अपने बच्चे को खिलाएं। इससे बहुत जल्द ही हकलाने की समस्या दूर हो सकती है।

यह भी हैं कुछ उपाय

बच्चे से आराम से बात करें, मौज-मस्ती और आनंददायक तरीके से उसे बात करना सिखाएं। बच्चे से बातचीत करने का समय निकालें। उदाहरण के लिए रात को सोते समय उससे बात करें।

अपने बच्चे का मजाक न बनाएं और ज्यादा जोर न दें। उस पर दूसरों बच्चों के साथ बातचीत करने का दबाव न डालें। उन कामों को प्रोत्साहित करें जिनमें बहुत बातचीत नहीं होती है। गुस्सा किये बिना उसकी बातों को ध्यान से सुनें।

जब आपका बच्चा हकलाता है, तो बीच में नकारात्मक प्रतिक्रिया देने से बचें। बच्चे के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि लोग हकलाने पर भी प्रभावी ढंग से बात कर सकते हैं। उसे आराम से बात करना सिखाएं। इसके लिए कुछ थेरेपी भी होती हैं, जहां कुछ सरल तरीकों से इस समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हकलाने और तुतलाने के करीब 80-90 फीसदी मामलों को कोशिशों से पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। तुतलाने या हकलाने से बच्चों और बड़ों, दोनों में आत्मविश्वास कम होने लगता है। वे अपने मन के भावों को बोलकर जाहिर करने से बचने लगते हैं। आमतौर पर बच्चा 3-4 साल की उम्र तक साफ बोलने लगता है। ऐसा न हो तो बच्चों के डॉक्टर को दिखाएं। 

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