वैज्ञानिकों को समुद्री सूक्ष्मजीवों के वायरस खाने के मिले ठोस सबूत

By भाषा | Published: September 28, 2020 02:04 PM2020-09-28T14:04:37+5:302020-09-28T14:04:37+5:30

इससे महासागरों में कार्बनिक पदार्थों के प्रवाह को समझने में मदद मिल सकती है

Scientists find evidence of virus-eating microorganisms | वैज्ञानिकों को समुद्री सूक्ष्मजीवों के वायरस खाने के मिले ठोस सबूत

वैज्ञानिकों को समुद्री सूक्ष्मजीवों के वायरस खाने के मिले ठोस सबूत

Highlights‘फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया अध्ययन कई ‘प्रोटिस्ट’ कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार के गैर-संक्रामक वायरस के डीएनए होते हैं19 फीसदी जीनोम और भूमध्य सागर से 48 फीसद जीनोमजीवाणु के डीएनए से जुड़े थे

वैज्ञानिकों को पहली बार पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण समुद्री सूक्ष्मजीवों के दो समूह के वायरस खाने के ठोस सबूत मिले हैं। इससे महासागरों में कार्बनिक पदार्थों के प्रवाह को समझने में मदद मिल सकती है। इस अध्ययन को पत्रिका ‘फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी’ में प्रकाशित किया गया।

‘प्रोटिस्ट’ कहलाते हैं जीव

यह वायरस और ‘समुद्री भोजन संजाल’ में ‘प्रोटिस्ट’ कहलाने वाले एकल-कोशिका वाले जीवों के इन समूहों की भूमिका की मौजूदा समझ के खिलाफ है।

गैर-संक्रामक वायरस के डीएनए होते हैं कई ‘प्रोटिस्ट’

अमेरिका के ‘बिजेलो लैबोरेटरी फॉर ओशन साइंसेज’ में ‘सिंगल सेल जीनोमिक्स सेंटर’ के निदेशक एवं अध्ययन के लेखक रामुनास स्तेपानौस्कास ने कहा, ‘‘ हमारे अध्ययन में पाया गया कि कई ‘प्रोटिस्ट’ कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार के गैर-संक्रामक वायरस के डीएनए होते हैं, लेकिन बैक्टीरिया नहीं। इस बात के ठोस सबूत मिले हैं कि वे बैक्टीरिया के बजाय वायरस खाते हैं।’’

वैज्ञानिकों ने बताया कि समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में वायरस की भूमिका का प्रमुख मॉडल ‘वायरल शंट’ है, जहां वायरस से संक्रमित रोगाणु विघटित कार्बनिक पदार्थों के पूल में अपने रसायनों का एक बड़ा हिस्सा खो देते हैं।

वर्तमान अध्ययन के अनुसार ‘वायरल शंट’ को समुद्री सुक्ष्मजीवी भोजन संजाल में एक लिंक द्वारा जोड़ा जा सकता है, जो ‘महासागर में वायरल कणों का एक निकाय बन’ सकता है।

वैज्ञानिकों ने कहा कि ‘गल्फ ऑफ मेन’ में अटलांटिक महासागर से समुद्र के ऊपरी सतह का पानी नमूने के तौर पर जुलाई 2009 में और स्पेन के कतालोनिया में जनवरी और जुलाई 2016 में भूमध्य सागर से लिया था।

गल्फ ऑफ मेन से लिए एकल कोशिका वाले जीवों में 19 फीसदी जीनोम और भूमध्य सागर से 48 फीसद जीनोमजीवाणु के डीएनए से जुड़े थे। इससे पता चलता है कि इन प्रोटिस्टों ने जीवाणु खाए थे।  

Web Title: Scientists find evidence of virus-eating microorganisms

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