पीएम मोदी आज 'प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना' की करेंगे शुरुआत, जानिए योजना से जुड़ी 10 खास बातें
By उस्मान | Published: October 25, 2021 09:04 AM2021-10-25T09:04:50+5:302021-10-25T10:23:57+5:30
बताया जा रहा है कि इस योजना से हेल्थ सेक्टर में एक बड़ा बदलाव आएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को देश भर में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 64,180 करोड़ रुपये की 'प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना' (Pradhan Mantri Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana (PMASBY) का शुभारंभ करेंगे।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के चुनावी दौरे के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे। यह देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सबसे बड़ी अखिल भारतीय योजनाओं में से एक होगी। इस योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शुरू किया जा रहा है।
Prime Minister @narendramodi to visit Uttar Pradesh on October 25 and launch Pradhan Mantri Atmanirbhar Swasth Bharat Yojana (PMASBY)
— PIB India (@PIB_India) October 24, 2021
PMASBY to be one of the largest pan-India scheme for strengthening healthcare infrastructure across the country
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केंद्र द्वारा इस साल फरवरी में बजट सत्र के दौरान छह वर्षों (वित्तीय वर्ष 2025-26 तक) में लगभग ₹ 64,180 करोड़ के परिव्यय के साथ पीएमएएसबीवाई योजना की घोषणा की गई थी।
इस योजना के तहत 10 उच्च फोकस वाले राज्यों में 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी। कम से कम 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
इनके अलावा, 500,000 से अधिक आबादी वाले जिलों में विशेष क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक के माध्यम से क्रिटिकल केयर सेवाएं उपलब्ध होंगी, जबकि शेष जिलों को रेफरल सेवाओं के माध्यम से कवर किया जाएगा।
योजना के तहत एक राष्ट्रीय संस्थान, वायरोलॉजी के लिए 4 नए राष्ट्रीय संस्थान, 9 जैव सुरक्षा स्तर III प्रयोगशालाएं, 5 नए क्षेत्रीय राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
योजना का लक्ष्य मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित करके एक आईटी सक्षम रोग निगरानी प्रणाली का निर्माण करना है। सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार किया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह समय जमीनी स्तर पर चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का है। एम्स, दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ एमसी मिश्रा ने कहा कि भारत जैसे देश में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में सुधार के लिए जो भी प्रयास करते हैं, वह जनसंख्या के कारण अभी भी कम होगा। निजी क्षेत्र में इस कम इस्तेमाल किए गए बुनियादी ढांचे का उपयोग आयुष्मान भारत या किसी अन्य योजना के माध्यम से किया जा सकता है।