McDonald’s, बर्गर किंग, पिज्जा हट के खानों में मिले डिटर्जेंट में इस्तेमाल होने वाले रसायन के अंश, शोध में खुलासा
By विनीत कुमार | Published: October 31, 2021 12:15 PM2021-10-31T12:15:39+5:302021-10-31T12:21:03+5:30
शोधकर्ताओं का कहना है कि फिलहाल शोध काफी सीमित है और खानों को केवल एक शहर से जमा किया गया। वहीं एफडीए ने स्टडी की समीक्षा की बात कही है।
स्वस्थ जीवन के लिए एक्सपर्ट अक्सर लोगों को फास्ट फू़ड से दूर रहने की सलाह देते हैं। एक ताजा शोध के नतीजे भी इस ओर इशारा करते हैं कि फास्ट फूड से दूरी बनाए रखने में भलाई है। ये शोध बताता है कि फास्ट फू़ड किस कदर हानिकारक साबित हो सकता है।
'जर्नल ऑफ एक्सपोजर एंड एनवायरोमेंटल एडिडेमियोलॉजी' में छपे शोध के अनुसार लोकप्रिय फास्ट फू़ड चेन जैसे मैकडॉन्लड्स, बर्गर किंग, पिज्जा हट, डॉमिनोड, टैको बेल आदि के खानों में पैथालेट (phthalates) पाया गया है। ये ऐसा पदार्थ है जो प्लास्टिक को नर्म बनाए रखता है।
Phthalates का उपयोग मुख्य रूप से प्लास्टिक में लचीलापन, स्थायित्व और इसके लंबे समय तक इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए बतौर प्लास्टिसाइजर के रूप में किया जाता है। इसका इस्तेमाल कई अन्य प्रोडक्ट जैसे विनाइल फ्लोरिंग, लुब्रिकेटिंग ऑयल, साबुन, हेयर स्प्रे, लॉन्ड्री डिटर्जेंट आदि में किया जाता है।
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (सैन एंटोनियो, टेक्सास), बोस्टन यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इन आउटलेट्स से लिए गए हैम्बर्गर, फ्राइज, चिकन नगेट्स, चिकन बरिटोस और चीज पिज़्ज़ा के 64 नमूनों की जांच की।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक खानों में DnBP नाम का phthalate पाया गया। साथ ही 70 प्रतिशत में फेथालेट DEHT (phthalate) था। डीईएचटी एक प्लास्टिसाइजर है जिसे कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल ग्लब्स और भोजन दोनों में अधिक जहरीले रसायनों को हटाने के लिए लाया गया था। इसका उपयोग बोतल के ढक्कन, कन्वेयर बेल्ट, फर्श सामग्री और वाटरप्रूफ कपड़ों में किया जाता है।
शोधकर्ताओं ने टेक्सास में अपनी प्रयोगशाला के पास पड़ोस में इस्तेमाल की गई तीन जोड़ी दस्तानों का भी अध्ययन किया। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि कैसे पर्याप्त सबूत मिले हैं जो बताते हैं कि पैथालेट (phthalate) के ज्यादा संपर्क सेबच्चों के सीखने, ध्यान देने और व्यवहार संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह गर्भवती महिलाओं और अन्य रंग के लोगों को भी प्रभावित कर सकता है।
हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि शोध काफी सीमित है और खानों को केवल एक शहर से जमा किया गया। दूसरी ओर, अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने कहा है कि वह अध्ययन की समीक्षा करेगा।