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पलाश पौधे के फायदे : मोतियाबिंद, गठिया, खून के रोग जैसी 10 बीमारियों में सहायक है पलाश का पौधा, जानें कैसे करें इस्तेमाल

By उस्मान | Updated: July 19, 2021 11:42 IST

यह पौधा कई तरह के चर्म रोगों में आराम दिलाने में भ सहायक है

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ठळक मुद्देयह पौधा कई तरह के चर्म रोगों में आराम दिलाने में सहायक है पौधे में पाए जाते हैं कई तरह कई औषधीय गुणरक्तस्राव में भी आराम दे सकता है पलाश का पौधा

धरती पर ऐसे कई हजारों पेड़-पौधे हैं जिनका इस्तेमाल विभिन्न बीमारियों की दवाएं बनाने और आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। ऐसा ही एक पौधा है 'पलाश' है, जो आपको कहीं भी मिल सकता है। 

पलाश का वृक्ष मैदानों और जंगलों में नहीं बल्कि ऊंची पहाड़ियों की चोटियों पर मिल सकता है। यह तीन रूपों में पाया जाता है-वृक्ष रूप में, क्षुप रूप में और लता रूप में। 

इसके पत्ते, फूल और फल तीनों भेदों के समान ही होते हैं। पलाश की फलियां कृमिनाशक का काम तो करती ही है, इसके उपयोग से बुढ़ापा भी दूर रहता है। पलाश फूल से स्नान करने से ताजगी महसूस होती है। पलाश फूल के पानी से स्नान करने से लू नहीं लगती तथा गर्मी का अहसास नहीं होता।। 

- आयुर्वेद के अनुसार पलाश के फायदे मोतियाबिंद के उपचार को दर्शाता है। इस उद्देश्‍य के लिए के लिए आपको पलाश के फूलों के रस की आवश्‍यकता होती है या फिर आप पलाश के बीजों को पानी में भिगों कर छोड़ दें और पानी से निकालकर इसका लेप बनाएं। इस पेस्‍ट को आप अपनी आंखों में काजल की तरह लगाएं। इस तरह आप इस पेस्‍ट का नियमित रूप से उपयोग कर धीरे-धीरे मोतियाबिंद के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

- यदि आप किसी चोट की सूजन से परेशान हैं तो आप इसके लिए पलाश के फूल का उपयोग कर सकते हैं। यह एक आयुर्वेदिक वृक्ष है जो कि आपकी बहुत सी परेशानियों को दूर करने में सहायक होता है। सूजन को दूर करने के लिए पलाश के फूल बहुत ही प्रभाव कारी होते हैं। 

आप पानी की भाप में या हल्‍की आंच में पलाश के फूलों को गर्म करें और सूती कपड़े की सहायता से इन गर्म फूलों को प्रभावित क्षेत्र में बांधें। ऐसा करने से आप गठिया, चोट, मस्तिष्‍क आदि की सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं। पलाश के फायदे ऐसी समस्‍याओं के प्रभावकारी निदान के लिए जाने जाते हैं।

- त्‍वचा के विभिन्न संक्रमणों को दूर करने के लिए ढाक के बीज का इस्तेमाल किया जा सकता है क्‍योंकि इसके बीजों में बहुत से एंटीऑक्‍सीडेंट और संक्रमण विरोधी गुण होते हैं। पलाश के बीजों का उपयोग कर आप त्‍वचा संबंधि समस्‍याएं जैसे कि दाद, फोड़े, फुंसीयां, अल्‍सर या इनसे होने वाली सूजन को कम कर सकते हैं। 

पलाश के बीजों को अच्‍छी तरह पीसकर आप इसका पेस्‍ट बना सकते हैं और प्रभावित भाग में इस मिश्रण को लगाकर इन समस्‍याओं से निजात पा सकते हैं। आप इस पेस्‍ट का तब तक उपयोग करें जब तक की आपकी समस्‍या हल नही हो जाती है।

- इसके उपयोग से जोड़ों का दर्द दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके के बीजों को बारीक पीसकर शहद के साथ दर्द वाले स्थान पर लेप करने से संधिवात में लाभ मिल सकता है।

- इससे अंडकोष की सूजन कम करने में मदद मिल सकती है। इसके फूल की पोटली बनाकर नाभि के नीचे बांधने से मूत्राशय (वह स्थान जहां पेशाब एकत्रित होता हैं) के रोग समाप्त हो सकते हैं और अंडकोष की सूजन भी नष्ट हो सकती है। इसकी छाल को पीसकर लगभग चार ग्राम पानी के साथ सुबह और शाम देने से अंडकोष का बढ़ना खत्म हो जाता है। 

- अगर आपको नाक, मल-मूत्र मार्ग या योनि से रक्तस्राव होता हो तो इसकी छाल का काढ़ा बनाकर ठंडा होने पर मिश्री मिलाकर पिलाएं।

- यह रक्त एवं पित्त विकार में भी लाभकारी होता है। पलाश की ताजा निकाली हुई छाल के काढ़े का सेवन कुछ दिनों तक करें। काढ़ा पानी में बनाएं। इसके लिए दो सौ मिली पानी में दस ग्राम छाल को पर्याप्त उबालकर काढ़ा तैयार करें।

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