मिल गया दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस Nipah virus का इलाज, 48 घंटे में हो जाती है मरीज की मौत

By उस्मान | Published: May 30, 2019 03:16 PM2019-05-30T15:16:16+5:302019-05-30T15:16:16+5:30

निपाह वायरस के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, दिमागी सूजन, बुखार, सिरदर्द, अनिद्रा, मतली, कमजोरी, विचलन और भ्रम कि स्थिति आदि शामिल हैं। एक मरीज 48 घंटे के भीतर कोमा में जा सकता है।

Nipah virus treatment: antiviral, Remdesivir, causes, symptoms, medical cure, risk factors of Nipah in Hindi | मिल गया दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस Nipah virus का इलाज, 48 घंटे में हो जाती है मरीज की मौत

फोटो- पिक्साबे

वैज्ञानिकों ने खतरनाक बीमारी निपाह वायरस (Nipah virus) के लिए दवा की खोज कर ली है। इस एंटीवायरल ड्रग का नाम रेमेडिसविर (Remdesivir) है। हालांकि अभी इसका इस्तेमाल बंदरों में किया गया है और इसके साकारात्मक प्रभाव सामने आए हैं। निपाह वायरस का वर्तमान में सिर्फ एक ही इलाज मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपलब्ध है जो अभी भी प्रायोगिक है। पिछले साल भारत में निपाह वायरस के प्रकोप के दौरान इसका परीक्षण किया गया था। 

नए परीक्षण में आठ अफ्रीकी ग्रीन मंकी को निपाह वायरस की खुराक दी गई थी। उनमें से आधे बंदरों को बाद में इंट्रावेनस रीमेडिसविर दी गई। इस दवा को खाने वाले सभी चार बंदर बच गए जबकि अन्य बंदर आठ दिनों के भीतर मर गए। 
 
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिसीज में एक वायरोलॉजिस्ट और अध्ययन के प्रमुख लेखकों में से एक, एम्मी डी विट के अनुसार, फिलहाल इस दवा का परीक्षण बंदरों पर किया गया है और जल्द ही इसका इंसान पर भी परीक्षण किया जाएगा। इस दवा से मरीज के इलाज में बड़ी सहायता मिलेगी और समय रहते उसे मौत से बचा लिए जाएगा। निपाह वायरस की चपेट में आने पर दो दिनों के भीतर मरीज की मौत हो जाती है इसलिए यह दवा काफी मददगार साबित होगी।

निपाह वायरस क्या है?

फिजिशियन एंड इंटरवेशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर केके अग्रवाल के अनुसार, निपाह वायरस से होने वाला इन्फेक्शन जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह वायरस जानवरों और इंसानों में गंभीर किस्म की बीमारी पैदा करता है। इस वायरस का प्रारंभिक स्रोत फल चूसने वाले चमगादड़ हैं। इस जानलेवा वायरस का कोई इलाज नहीं है। यह मनुष्यों और जानवरों दोनों के लिए जानलेवा बन सकता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार निपा वायरस का उपहार टेरोपस जीनस नामक एक खास नसल के चमगादड़ से मिला है।

निपाह वायरस के लक्षण, कारण और बचने के उपाय

1) निपाह वायरस के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, दिमागी सूजन, बुखार, सिरदर्द, अनिद्रा, मतली, कमजोरी, विचलन और भ्रम कि स्थिति आदि शामिल हैं। एक मरीज 48 घंटे के भीतर कोमा में जा सकता है। 

2) वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, इस खतरनाक वायरस के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं है। इससे संक्रमित व्यक्ति के लिए केवल 'इंसेंटिव सपोर्टिव केयर (आईएससी) ही इलाज है। 

3) यह वायरस सुअरों और अन्य घरेलू जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। इस वायरस का प्रारंभिक स्रोत फल चूसने वाले चमगादड़ हैं।

4) डबल्यूएचओ के अनुसार, एनआईवी को पहली बार 1998 में मलेशिया में पहचाना गया था। साल 2004 में खजूर का सेवन करने के बाद कई लोग संक्रमित हो गए थे। इसका कारण यह था कि उन्होंने चमगादड़ द्वारा चूसे हुए खजूर का सेवन किया था। 

5) यह वायरस संक्रमित चमगादड़, सूअर, या इस वायरस से पीड़ित के साथ सीधे संबंध में आने से फैलता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि जमीन पर पड़े हुए फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। ध्यान रहे कि यह हवा के जरिए फैलने वाला वायरस नहीं है। 

6) इससे बचने के लिए आपको सूअरों, चमगादड़ और इससे पीड़ित व्यक्ति के पास जाने से बचना चाहिए। 

7) डॉक्टरों को इससे बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति के इलाज के दौरान मास्क और ग्लव्स पहनने चाहिए। 

8) आपको जमीन पर पड़े हुए फलों को खाने से बचना चाहिए। संभव है वो फल चमगादड़ ने खाएं हों, उनका सेवन करने से आप इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं।

9) अगर आप सूअर पालते हैं, तो आपको उनके पास जाने से बचना चाहिए और अन्य लोगों को भी उनके पास जाने से रोकना चाहिए। 

निपाह वायरस का इलाज

डॉक्टर के अनुसार, इस वायरस का अभी तक कोई स्थायी उपचार नहीं खोजा गया है। हालांकि कुछ एलॉपथी दवाईयां है लेकिन उनसे इसका कारगर इलाज संभव नहीं है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक से दूसरे तक फैलती है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि प्रभावित इंसान, जानवर या चमगादड़ के संपर्क में ना आएं। साथ ही गिरे हुए फलों को खाने की भी सलाह नहीं दी जाती है।

Web Title: Nipah virus treatment: antiviral, Remdesivir, causes, symptoms, medical cure, risk factors of Nipah in Hindi

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