लाइव न्यूज़ :

एमडीआर-टीबीः दवा प्रेटोमैनिड के साथ बेडेक्विलिन और लिनजोलिड को मंजूरी!, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी खुशखबरी!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 6, 2024 19:12 IST

मंत्रालय ने कहा कि ‘बीपीएएलएम’ पद्धित में चार दवाएं-प्रेटोमैनिड, बेडेक्विलिन और लिनजोलिड और मॉक्सीफ्लॉक्सेसिन - शामिल है।

Open in App
ठळक मुद्देअधिक प्रभावी और त्वरित उपचार विकल्प साबित हुआ है।75,000 रोगी अब इस छोटी (उपचार) विधि का लाभ उठा सकेंगे।टीबी के इस नए उपचार को मंजूरी देने पर मुहर लगाई गई है।

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत ‘बीपीएएलएम’ पद्धति को बहु दवा प्रतिरोधी तपेदिक (एमडीआर-टीबी) के उपचार के लिए बेहद प्रभावी व अल्पकालिक उपचार विकल्प के तौर पर स्वीकृति दे दी है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा गया है कि ‘बीपीएएलएम’ (उपचार) पद्धति में नयी तपेदिक (टीबी) रोधी दवा प्रेटोमैनिड के साथ बेडेक्विलिन और लिनजोलिड (मॉक्सीफ्लॉक्सेसिन सहित या रहित) शामिल हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा ‘प्रीटोमैनिड’ को पहले ही भारत में उपयोग के लिए स्वीकृति व लाइसेंस प्रदान किया जा चुका है। मंत्रालय ने कहा कि ‘बीपीएएलएम’ पद्धित में चार दवाएं-प्रेटोमैनिड, बेडेक्विलिन और लिनजोलिड और मॉक्सीफ्लॉक्सेसिन - शामिल है।

यह पुरानी एमडीआर-टीबी उपचार विधि की तुलना में सुरक्षित, अधिक प्रभावी और त्वरित उपचार विकल्प साबित हुआ है। बयान में कहा गया है, "एक ओर एमडीआर-टीबी का पारंपरिक उपचार 20 महीने तक चल सकता है और इसके दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं, तो दूसरी ओर बीपीएएलएम पद्धति की उपचार सफलता दर काफी उच्च है और यह दवा प्रतिरोधी तपेदिक को केवल छह महीने में ठीक कर सकती है।” मंत्रालय ने कहा, "भारत में दवा प्रतिरोधी तपेदिक के 75,000 रोगी अब इस छोटी (उपचार) विधि का लाभ उठा सकेंगे।"

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के परामर्श से टीबी के इस नए उपचार को मंजूरी देने पर मुहर लगाई गई है। मंजूरी देने से पहले इस उपचार की देशभर के विषय विशेषज्ञों ने गहन समीक्षा की है।

टॅग्स :Health and Education DepartmentWho-World-Health-Organization
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यDelhi Air Pollution: दिल्ली में हवा प्रदूषित, रहिए अलर्ट, गठिया रोगियों की संख्या में इजाफा, पारस और मैक्स हेल्थकेयर डॉक्टर दे रहे चेतावनी, जानिए कैसे करें बचाव

स्वास्थ्य350 मरीजों में से 290 या 83.1 प्रतिशत मरीज दवा प्रतिरोधी जीवाणुओं के वाहक हो सकते?, नीदरलैंड, भारत, इटली और अमेरिका में 1,244 मरीजों पर रिसर्च

स्वास्थ्यरमेश ठाकुर का ब्लॉग: आधुनिक जीवनशैली से भी बढ़ रहे हैं नेत्र रोग

स्वास्थ्यतौलिया, रेज़र या टूथब्रश, क्या आप दूसरों का यह सामान यूज करते हो?, रहिए अलर्ट, हो सकते हैं संक्रमित

स्वास्थ्यतो हर साल बच सकती हैं 1.5 करोड़ जानें?, क्या आप सभी हैं तैयार, हमें करना होगा ये काम, लांसेट रिपोर्ट में अहम खुलासा

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत