COVID effects: कोरोना से ठीक हुए मरीजों को हो सकती ये गंभीर बीमारी, इन 10 लक्षणों से करें पहचान

By उस्मान | Published: May 3, 2021 02:50 PM2021-05-03T14:50:33+5:302021-05-03T14:54:38+5:30

कोरोना के मरीजों में दिख रहा है यह रोग, लक्षणों को नजरअंदाज न करें

Mucormycosis cases spike in COVID-19 recovered patients, what is Mucormycosis, sign and symptoms and treatment in Hindi | COVID effects: कोरोना से ठीक हुए मरीजों को हो सकती ये गंभीर बीमारी, इन 10 लक्षणों से करें पहचान

कोरोना के दुष्प्रभाव

Highlightsकोरोना के मरीजों में दिख रहा है यह रोगइसके लक्षणों को नजरअंदाज न करेंयह फंगल इन्फेक्शन होता है

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमितों और मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना के नए रूप सामने आने के बाद लक्षणों में भी वृद्धि हुई है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी मरीजों को कई लक्षण महसूस हो सकते हैं, जो हफ्ते या महीने तक रह सकते हैं। 

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, ठीक हुए मरीजों या अस्पताल में भर्ती मरीजों में अब म्यूकोरमाइकोसिस (mucormycosis) की समस्या देखी जा रही है। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन होता है। आमतौर पर यह इंफेक्शन नाक से शुरू होता है। 

म्यूकोरमाइकोसिस क्या है?

इस बीमारी को पहले जाइगोमाइकोसिस (Zygomycosis) कहा जाता था। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन होता है। आमतौर पर यह इंफेक्शन नाक से शुरू होता है। जो धीमे-धीमे आंखों तक फैल जाता है। इसका इंफेक्शन फैलते ही इलाज जरूरी है। अगर आपको नाक में सूजन या ज्यादा दर्द हो, आंखों से धुंधला दिखने लगे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 

यह संक्रमण आमतौर पर साइनस, मस्तिष्क या फेफड़ों को प्रभावित करता है और इसलिए सीओवीआईडी -19 से पीड़ित या ठीक होने वाले लोगों में काफी आम हो सकता है।

म्यूकोरमाइकोसिस और कोरोना के बीच क्या संबंध है

SARS-COV-2 वायरस शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को टारगेट करता है। इन दोनों ही स्थितियों में इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है। डॉक्टरों के अनुसार, कई कोरोना रोगियों को एंटीवायरल से लेकर स्टेरॉयड तक मजबूत दवाएं दी जाती हैं। 

इसकी वजह से घातक वायरस से पीड़ित या उबरने वाले व्यक्तियों में प्रतिरक्षा प्रणाली की दर कम हो गई है। इसके अतिरिक्त, स्टेरॉयड ब्लड ग्लूकोज लेवल को भी प्रभावित कर सकता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही डायबिटीज से पीड़ित हैं। बदले में ये दवाएं फंगल संक्रमण के विकास को बढ़ावा देती हैं।

म्यूकोरमाइकोसिस से जुड़े लक्षण क्या हैं?

म्यूकोरमाइकोसिस आमतौर पर नाक, आंख, मस्तिष्क और साइनस जैसे हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। इसके लावा इसके लक्षणों में चेहरे में सूजन, दर्द और सुन्नता, नाक से असामान्य (खूनी या काला-भूरा) डिस्चार्ज होना, सूजी हुई आंखें, नाक या साइनस में जमाव, नाक या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव होना शामिल हैं। इसके अलावा इसके मरीजों को बुखार, खांसी, सीने में दर्द और सांस की तकलीफ जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

म्यूकोरमाइकोसिस का इलाज

इसके मरीजों को डॉक्टरों से मदद लेनी चाहिए। एंटिफंगल दवाओं से इसका इलाज हो सकता है। कोई भी दवा डॉक्टरों या किसी विशेषज्ञ की सलाह पर लें। गंभीर मामलों में डेड टिश्यू को हटाने के लिए सर्जरी आवश्यक हो सकती है।

भारत में कोरोना के 3,68,147 नए मामले, 3,417 लोगों की मौत

देश में एक दिन में कोविड-19 से 3,417  मरीजों की मौत होने के बाद मृतक संख्या 2,18,959  हो गई है। वहीं 3,68,147 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 1,99,25,604 हो गए हैं। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार तक के आंकड़ों में यह जानकारी मिली है। सुबह आठ बजे तक के इन आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का अब भी इलाज करा रहे लोगों की संख्या 34 लाख के पार चली गई है। 

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