आज मदर्स डे है। खुशी और आनंद का दिन है। वैसे तो साल के सभी दिन मदर्स डे मनाया जाना चाहिए क्योंकि मां को खुश करने के लिए आप जितना कर सकते हैं, उतना कम है। अगर इस खास अवसर पर आप अपनी मां को कुछ खास देने की योजना बना रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम का है। इस मदर्स डे आप उनका फुल मेडिकल चेकअप करा सकते हैं। परिवार की देखभाल करने वाली ज्यादातर घरेलू महिलाएं पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित हैं। ओबस्टेट्रिकियन और गाइनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर वंदना गुप्ता आपको बता रही हैं कि ज्यादातर घरेलू महिलाएं किन-किन पोषक तत्वों के कमी से पीड़ित हैं।
महिलाओं में पोषक तत्वों की कमी के कारण
डॉक्टर के अनुसार, महिलाओं में पोषक तत्वों की कमी पारिवारिक स्तर पर निर्भर करती है। आर्थिक रूप से बेहतर परिवार में महिला को पोषक तत्वों की उतनी कमी नहीं होती है। ऐसे परिवार में कार्बोहाइड्रेट का ज्यादा और प्रोटीन का कम सेवन होने से महिलाओं में मोटापा देखा जा सकता है। जबकि गरीब घर की महिलाओं को कभी-कभी पर्याप्त और गुणवत्ता वाला खाना नहीं मिल पाता है। आजकल बहुत से महिलाएं जंक फूड और इंस्टेंट फूड का ज्यादा सहारा ले रही हैं क्योंकि इन चीजों में ज्यादा मेहनत नहीं लगती है।
महिलाओं में होती है इन पोषक तत्वों की कमी
- सूरज की रोशनी में नहीं आने की वजह से मांसपेशियों की कमजोरी और हड्डियों का कमजोर होना विटामिन डी की कमी है।
- कैल्शियम की कमी ओस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपेनिया का कारण बन सकती है।
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- आयरन की कमी कम हीमोग्लोबिन, थकान और लगातार संक्रमण का कारण बन सकती है। एनीमिया से कमजोरी, चक्कर आना, सांस की तकलीफ, छाती दर्द आदि की समस्या हो सकती है।
- वेजिटेरियन माताओं में विटामिन बी 12 की कमी लंबे समय तक एनीमिया और तंत्रिका संबंधी समस्याओं का कारण बनती है।
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डॉक्टर का सुझाव
डॉक्टर मानते हैं कि जीवाशैली में बदलाव की वजह से महिलाओं को इस तरह के पोषक तत्वों के कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे बचने के लिए महिलाओं के पोषण पर नजर रखना बहुत जरूरी है। इसलिए उनकी डाइट का ख्याल रखें और उनके स्वस्थ रहने में उनकी मदद करें।
(फोटो- पिक्साबे)