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Monsoon Health Tips: डेंगू मच्छरों का नामोनिशान मिटा देंगे ये 4 पौधे

By उस्मान | Updated: August 14, 2019 14:42 IST

Monsoon Health Tips: बारिश के मौसम में मच्छरों और उनसे होने वाली बीमारियों, सूजन, खुजली, स्किन इन्फेक्शन से बचने के लिए ये तरीके जरूर अपनाएं.

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मानसून का मौसम जारी है और इस मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियों डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि का खतरा बढ़ जाता है। मच्छर के काटने से डेंगू बीमारी होती है जिसके चलते खांसी, बुखार और सिरदर्द की परेशानीयों का सामना करना पड़ता है। बरसात में एकत्रित हुए पानी में यह मच्छर ज्यादा पाये जाते हैं, जिसके चलते डेंगू होता है। डेंगू बीमारी का उपचार समय से न किया जाए तो काफी खतरनाक साबित हो सकता है। 

हम आपको कुछ प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं जिनसे आप जानलेवा बरसाती कीड़ों और बीमारी फैलाने वाले मछरों से अपने घर और आसपास के इलाको को सुरक्षित रख सकते हैं।

घर पर तुलसी का पौधा लगाएं 

1) तुलसी के रस में कीटनाशक खूबियां होती हैं, जिसे रुके हुए पानी और उन जगहों पर जहाँ मच्छर पनपते हैं वहाँ छिड़काव करने से मच्छरों से बचाव किया जा सकता है। 

2) नीम की पत्तियां भी मच्छर से सुरक्षित रखने में सहायक होता है, इसलिए नीम के पेड़ को अपने घर के आसपास लगाने की सलाह दी जाती है। 

3) हल्दी की जड़ों को सुलगा के उसका धुआं करने से भी मच्छर भाग जाते हैं। इसमे गूगल को मिला के सुलगाने पर इसकी क्षमता और भी बढ़ जाती है। 

4) काली मिर्च की लकड़ियों को जला कर रखने से भी मच्छरों से निजात पाई जा सकती है।

हल्दी का लेप लगाएं 

हल्दी का लेप भी मच्छरों से बचाव में मदद करता है। नीम और नारियल का तेल बराबर मात्रा में मिला कर लगाने से भी मच्छरों को दूर रखा जा सकता है। चंदन की लकड़ी का तेल काम मात्रा में हल्दी का लेप नीम की पत्तियों का लेप नीम का तेल और टी ट्री आयल का मिश्रण बना के लगाए डेंगू बीमारी से बचे । 

मच्छर के काटने, सूजन, खुजली, स्किन इन्फेक्शन से ऐसे करें बचाव    

1) नीम की पत्तियों के लेप और शहद का मिश्रण कीड़ों के काटने पर लगाने से राहत मिलती है।

2) तुलसी किसी भी तरह के परजीवी संक्रमण के इलाज में सहायक होता है। इसके पत्तों को पीस कर लेप लगाने से राहत मिलती है।

3) एलोवेरा का रस प्रकृतिक रोग प्रतिरोधी माना जाता है इसमें दर्द से राहत पहुचने वाले गुण पाए जाते हैं

4) गाय के दूध से बनाया गया सुद्ध देसी घी अन्तिहिस्टामिन का एक स्त्रोत है जो कि कीड़ों द्वारा काटे जाने पर होने वाले दर्द और तकलीफों से राहत पहुचाता है।

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