सावधान! धीरे-धीरे आपके बच्चों को अंदर से खोखला करके कुपोषित कर रही है ये चीज

By उस्मान | Published: October 16, 2019 04:03 PM2019-10-16T16:03:42+5:302019-10-16T16:03:42+5:30

वर्ल्ड फूड डे पर एक रिपोर्ट आई है कि दक्षिण पूर्व एशिया में लाखों बच्चे इंस्टेंट नूडल्स जैसे आधुनिक खानपान की वजह से पतले या कम वजन के रह जाते हैं जिनसे पेट तो भर जाता है लेकिन शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिलता। 

Malnutrition causes and symptoms, Malnutrition in India statistics in Hindi | सावधान! धीरे-धीरे आपके बच्चों को अंदर से खोखला करके कुपोषित कर रही है ये चीज

सावधान! धीरे-धीरे आपके बच्चों को अंदर से खोखला करके कुपोषित कर रही है ये चीज

विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) हर साल 16 अक्टूबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता फैलाना है कि दुनिया के किसी भी कोने में कोई व्यक्ति भूखा न रहे और सभी लोगों को भरपेट खाना और पोषण मिले। 

इस दिन का मुख्य बिंदु यह है कि भोजन एक बुनियादी और मौलिक मानव अधिकार है। इस साल यानी 2019 में वर्ल्ड फूड डे की थीम है 'हमारा कार्य हमारा भविष्य है। हेल्दी डाइट फॉर #ZeroHunger World' 
 
वर्ल्ड फूड डे पर एक रिपोर्ट आई है कि दक्षिण पूर्व एशिया में लाखों बच्चे इंस्टेंट नूडल्स जैसे आधुनिक खानपान की वजह से पतले या कम वजन के रह जाते हैं जिनसे पेट तो भर जाता है लेकिन शरीर को आवश्यक पोषण नहीं मिलता। 

विशेषज्ञों के अनुसार फिलीपीन, इंडोनेशिया और मलेशिया तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाएं हैं और यहां जीवनस्तर भी ऊपर उठ रहा है। ऐसे में कई कामकाजी माता-पिता हैं जिनके पास वक्त की कमी है। 

संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी यूनिसेफ की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार इन तीन देशों में पांच साल से कम उम्र के औसतन 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं जबकि इस मामले में वैश्विक औसत तीन में से एक बच्चे के कुपोषित होने का है।

इंडोनेशिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ हसबुल्ला थबरानी ने कहा, 'माता-पिता को लगता है कि उनके बच्चों का पेट भरना सबसे जरूरी चीज है। वे उचित मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम या फाइबर के सेवन के बारे में वाकई नहीं सोचते।' 

यूनिसेफ की एशिया पोषण विशेषज्ञ मुएनी मुटुंगा ने समस्या के मूल में परिवारों का किफायती, आसानी से उपलब्ध आधुनिक भोजन के लिए परंपरागत आहार को छोड़ना पाया। उन्होंने कहा, 'नूडल्स बनाना आसान है। नूडल्स सस्ते होते हैं। नूडल्स एक संतुलित आहार के आसान और त्वरित पूरक बन जाते हैं।' 

जबकि इनमें आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा बहुत कम होती है। इनमें प्रोटीन भी नहीं होता वहीं वसा और नमक ज्यादा होता है। एएफपी ने कहा कि इस समस्या के स्तर को इस बात से समझा जा सकता है कि इंडोनेशिया में पांच साल से कम उम्र के 2.44 करोड़ बच्चे।

इसी बीच 117 देशों के ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट भी आई है। इसके आंकड़ों में भारत को 102वां स्थान हासिल हुआ है। दक्षिण एशियाई देशों में भारत सबसे पिछड़ा है। अगर ब्रिक्स देशों की बात करें तो भारत कहीं भी नहीं टिकता। 2015 में भारत ने 93वां स्थान हासिल किया था लेकिन उसके बाद स्थिति बिगड़ती चली गई।

दक्षिण एशियाई देशों में सिर्फ पाकिस्तान की रैंकिंग ही भारत से पीछे रहती थी लेकिन 2019 की रैंकिंग में पाकिस्तान ने भी सुधार किया है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की 2019 की लिस्ट में पाकिस्तान भारत से आठ पायदान ऊपर 94वें स्थान पर आ गया है।

2014 से 2018 के बीच जुटाए गए आंकड़ों से तैयार ग्लोबल हंगर इंडेक्स विभिन्न देशों में कुपोषित बच्चों की आबादी, उनमें लंबाई के अनुपात में कम वजन या उम्र के अनुपात में कम लंबाई वाले पांच वर्ष तक के बच्चों का प्रतिशत और पांच वर्ष तक के बच्चे की मृत्यु दर पर आधारित हैं।

Web Title: Malnutrition causes and symptoms, Malnutrition in India statistics in Hindi

स्वास्थ्य से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे