Long covid symptoms: वैज्ञानिकों का दावा, कोरोना से ठीक होने के बाद भी बच्चों में नजर आ सकते हैं ये 5 लक्षण

By उस्मान | Published: September 21, 2021 07:52 AM2021-09-21T07:52:56+5:302021-09-21T07:52:56+5:30

शोधकर्ताओं का कहना है कि लॉन्ग कोविड के लक्षण बच्चों में भी दिखाई दे सकते हैं हालांकि अपेक्षाकृत कम ही रहता है

Long Covid symptoms in kids: New research finds that long-term COVID-19 can affect children | Long covid symptoms: वैज्ञानिकों का दावा, कोरोना से ठीक होने के बाद भी बच्चों में नजर आ सकते हैं ये 5 लक्षण

बच्चों में कोरोना के लक्षण

Highlightsबच्चों में भी दिखाई दे सकते हैं लॉन्ग कोविड लक्षणहालांकि बच्चों में कम दिखाई देते हैं लक्षणकिसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें

कोरोना वायरस ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ता है। मरीजों में ठीक होने के कुछ हफ्तों या महीनों तक लक्षण बने रह सकते हैं जिसे 'लॉन्ग कोविड' कहा जाता है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि लॉन्ग कोविड के लक्षण बच्चों में भी दिखाई दे सकते हैं हालांकि बच्चों में अपेक्षाकृत कम ही रहता है।

हेल्थलाइन के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया स्थित मेलबर्न के मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट (MCRI) के शोधकर्ताओं ने 14 अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों का विश्लेषण किया जिसमें 19,426 बच्चे और किशोर शामिल थे जिन्होंने कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद लॉन्ग कोविड के लक्षणों की सूचना दी थी।

बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षण

शोधकर्ताओं के अनुसार कोरोना वायरस लंबे समय बच्चों को प्रभावित कर सकता है। इन मामलों में, उन्होंने पाया कि रिपोर्ट किए गए सबसे आम लक्षण सिरदर्द, थकान, नींद में कमी, एकाग्रता में कमी और पेट में दर्द थे।

बच्चों में कोरोना के लक्षण

शोधकर्ताओं ने पाया है कि बच्चे कोरोना होने पर आम तौर पर बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बंद होना या बहती नाक, छींकना, मांसपेशियों में दर्द और थकान आदि जैसे लक्षणों का सामना करते हैं। लेखकों ने यह भी कहा है कि बच्चों और किशोरों में गंभीर कोरोना बहुत ही असामान्य है और केवल बहुत कम ही मौत का कारण बनती है।

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण वाले अधिकांश बच्चों में या तो लक्षण नहीं होते हैं या फिर बहुत हल्के लक्षण होते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बच्चों में सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ, थकान, गले में खराश, मायलगिया (मांसपेशियों में दर्द), राइनोरिया (नाक से ज्यादा पानी या गाढ़ा बलगम आना), दस्त, गंध की कमी, स्वाद की हानि हो सकते हैं।

इनके अलावा कुछ बच्चे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानी पेट की गड़बड़ी से जुड़े लक्षण महसूस कर सकते हैं। मंत्रालय ने यह भी नोट किया कि बच्चों में सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के रूप में जाना जाने वाला एक नया सिंड्रोम भी देखा गया है, ऐसे मामलों में लगातार बुखार होता है।

बच्चों को कोरोना होने पर माता-पिता क्या करें

जिन बच्चों में लक्षण नहीं हैं और वो पॉजिटिव हैं, तो उन्हें घर पर ही मैनेज किया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे बच्चों की पहचान स्क्रीनिंग के दौरान की जाती है, अगर परिवार के सदस्यों की पहचान कोविड पॉजिटिव के रूप में होती है। 

उन्हें लक्षणों के विकास और बाद के उपचार के लिए निगरानी की आवश्यकता होती है। इस बीच, मध्य रोगों वाले बच्चों में गले में खराश, खांसी या सांस लेने में थोड़ी समस्या हो सकती है, जिसके लिए किसी जांच की आवश्यकता नहीं होती है। स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश है कि ऐसे बच्चों को होम आइसोलेशन और रोगसूचक उपचार के साथ घर पर ही प्रबंधित किया जाना चाहिए।

मंत्रालय ने एक ट्वीट में दिल की बीमारी, फेफड़ों की पुरानी बीमारी, पुराने अंगों की बीमारी वाले बच्चों को घर पर रखने और घर पर इलाज कराने की भी सिफारिश की है।

तीसरी लहर में बच्चों में कैसे होंगे कोरोना के लक्षण

डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण बहुत कम नजर आते हैं या बहुत हल्के होते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तीसरी लहर में भी बच्चों में कम लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि कई मामलों में मध्यम से गंभीर लक्षण भी देखने को मिले हैं। 

बच्चों के संक्रमित होने पर क्या करें

वैसे तो बच्चों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते लेकिन आपको फिर भी उनके लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। संक्रमित होने के दो से छह हफ्ते के बीच बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत इलाज शुरू करा देना चाहिए। 

हल्के लक्षणों में क्या करें

अगर बच्चे में हल्के लक्षण हैं और उसकी उम्र दस साल से ज्यादा है, तो उसे घर में अलग रखें और उस दौरान कोरोना नियमों का पालन करें। खासकर डाइटका ध्यान रखें। अगर लक्षण गंभीर हो रहे हैं, तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। 

घर में बच्चों को किस तरह का खाना दें

होम आइसोलेशन के दौरान बच्चों को हेल्दी डाइट दें और उसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा बच्चों को तरल पदार्थों की कमी न होने दें। डायरिया या दस्त जैसी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। 

गंभीर लक्षण के मामले में क्या करें

अगर बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है, भूख की कमी है, नाक की समस्या है, ऑक्सीजन की कमी है, पेट की गड़बड़ के लक्षण हैं, तो ऐसे में आपको अस्पताल जाना चाहिए। 

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या करें

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए चार चीजें बहुत जरूरी हैं जिसमें हेल्दी डाइट, नींद, एक्सरसाइज और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना शामिल है। जंक फूड से बचें, हाइड्रेट रहें, पर्याप्त नींद लें, रोजाना एक्सरसाइज करें।

Web Title: Long Covid symptoms in kids: New research finds that long-term COVID-19 can affect children

स्वास्थ्य से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे