अगर आप ग्रामीण ताल्लुक रखते हैं, तो आपने जंगल जलेबी का नाम सुना होगा। जंगल जलेबी को अंग्रेजी में Pithecellobium dulce कहते हैं। यह मटर के प्रजाति का है। इसका फल पकने पर लाल हो जाता है खाने में मीठा होता है। गंगा इमली, मीठी इमली और विलायती इमली के नाम से मशहूर इस फल का पेड़ तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पाया जाता है।
यह फल जितना स्वादिष्ट होता है, उतने ही इसके स्वास्थ्य फायदे भी होते हैं। इसमें आयरन, कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन, विटामिन सी और थियामिन जैसे तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। यह सभी तत्व आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं।
कैंसर से बचाने में सहायक
जंगल जलेबी के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-डायबिटिक, कैंसर-रोधी गुणों पर कई अध्ययन किए गए हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, जंगल जलेबी के पत्तों में ऐसे तत्व हैं जो कैंसर सेल्स को और अल्सर को खत्म कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यह फल दर्द, एक्जिमा, बुखार, सर्दी, गले में खराश, पिग्मेंटेशन, मुँहासे और फुंसियों को खत्म कर सकता है।
डायबिटीज का काल
अगर आप डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं, तो आपको जंगली जलेबी का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि यह ब्लड ग्लूकोज लेवल का कम करने में सहायक है। इसके लिए आप नियमित रूप से इस फल का सेवन कर सकते हैं ये इसे पानी में उबालकर पी सकते हैं।
कब्ज और दस्त का करता है नाश
पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे कब्ज, दस्त और गैस से बचने और पाचन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए आपको इस फल का सेवन करना चाहिए। इसमें पाए जाने वाले तत्व डायरिया को जड़ से खत्म करने में सहायक हैं।
किडनी इन्फेक्शन में देता है राहत
यदि किसी व्यक्ति गुर्दे के इन्फेक्शन यानी किडनी इन्फेक्शन की समस्या है, तो उसे जंगल जलेबी का उपयोग करना चाहिए। इसके सेवन से धीरे-धीरे ही सही लेकिन फायदा मिलता है। इसके लिए आप नियमित रूप से इसका पानी पी सकते हैं।
चर्म रोग को करता है खत्म
चर्म रोग में जंगल जलेबी का उपयोग किया जाता है त्वचा के अनेक प्रकार के रोग में या एलर्जी में जंगल जलेबी की छाल को घिसकर स्किन पर लगाने से आराम मिलता है।