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इज़राइली वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन चिप से बनाया शुक्राणु, कैंसर रोगियों के लिए हो सकता है लाभदायक

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 6, 2022 20:25 IST

इजराइल के नेगेव के बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने माइक्रोफ्लुइडिक सिस्टम से कृत्रिम शुक्राणु बनाने वाले एक अनूठा माइक्रोचिप बनाया है. जो कैंसर रोगियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

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ठळक मुद्देइजराइल के नेगेव के बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हासिल की बड़ी कामयाबी बनाया ऐसा माइक्रोचिप जो कृत्रिम तरीके से बना सकता है शुक्राणु

जेरूसलम:इजराइल के नेगेव के बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने माइक्रोफ्लुइडिक सिस्टम से कृत्रिम शुक्राणु बनाने के लिए एक अनूठे  माइक्रोचिप को बनाने में कामयाबी हासिल की है। 

इस मामले में आविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों ने बताया कि ये माइक्रोचिप उन कैंसर रोगियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है जो कड़े कीमोथेरेपी प्रक्रिया के कारण बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं होते हैं। इस माइक्रोचिप बनाने में इज़राइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने नेगेव के बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को मदद दी है। 

इस माइक्रोचिप को बनाने में एक सिलिकॉन चिप (पीडीएमएस) का उपयोग किया गया है जो माइक्रोफ्लुइडिक सिस्टम के जरिये लैब में शुक्राणु बनाने की प्रक्रिया में सहायता करता है। इस माइक्रोचिप को बनाने की पूरी प्रकिया को  पीयर-रिव्यू जर्नल बायोफैब्रिकेशन में प्रकाशित किया गया है।

मानव विज्ञान के क्षेत्र में हुए इस अभूतपूर्व आविष्कार के बारे में बात करते नेगेव के बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी के हेल्थ फैकल्टी में माइक्रोबायोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और जेनेटिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर महमूद हुलेहेल ने बताया कि शुक्राणु कोशिकाओं के पैदा करने के लिए हम लैब में ऐसी किसी विधि का प्रयास कर रहे थे, जो कैंसर प्रभावित मरीजों के शरीर में कैंसर कोशिकाओं की होने वाली वापसी को रोक सके।

इस आविष्कार के क्रम में यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शोध के समय पाया कि जो चूहे शुक्राणु कोशिकाओं का उत्पादन नहीं कर पा रहे थे, उनके अंडकोष में शुक्राणु कोशिकाओं को विकास करने के लिए सिलिकॉन चिप के माध्यम से प्रयास किया गया। इसके अलावा लैब में उन तमाम सुविधाओं को विकसित किया गया जो शुक्राणु पैदा करने के लिए प्राकृति हमें प्रदान करती है।

इस कारण लैब में वृषण कोशिकाओं के संवर्धन की प्रक्रिया को विकसित कर पाना संभव हुआ। शुक्राणु पैदा करने के लिए एक विशेष 3डी चिप का उपयोग किया गया, जिसमें माइक्रोफ्लुइडिक था। जिसने अंडकोष से कोशिकाओं को बल प्रदान किया शुक्राणु पैदा करने के लिए। 

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