आयुर्वेद से किसी रोगी की नींद संबंधी समस्याओं में महत्वपूर्ण सुधार लाया जा सकता है। पूर्वोत्तर आयुर्वेद एवं होम्योपैथी संस्थान की एक पत्रिका 'आयुहोम' में यह दावा किया गया है। नेशनल स्लीप फाउंडेशन ऑफ अमेरिका के एक आकलन के अनुसार दुनिया में एक तिहाई लोग निद्रा संबंधी विकारों से प्रभावित हैं।
आयुर्वेद में किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए नींद को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है और जीवन के तीन सहयोगी स्तंभों में से एक बताया गया है। इसमें कहा गया कि अनिद्रा पूरी दुनिया में एक सामान्य समस्या है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वास्थ्य किसी व्यक्ति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कुशलता की स्थिति है और केवल कोई बीमारी नहीं होना स्वास्थ्य नहीं है। इसमें निद्रा एक आवश्यक स्थिति है।
आयुष मंत्रालय ने कहा कि आज की भागदौड़ वाली जीवनशैली में, तनाव और अन्य पर्यावरण संबंधी कारकों की पृष्ठभूमि में अनेक लोगों के लिए नींद की गुणवत्ता में गिरावट आई है। अनिद्रा की समस्या के हल के लिए आयुर्वेद की परंपरागत पंचकर्म पद्धति का प्रभाव खारिज नहीं किया जा सकता।
गर्म दूधगर्म दूध को गहरी और आरामदायक नींद को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसमें ट्रिप्टोफैन होता है, जो दिमाग में सेरोटोनिन को बढ़ाता है, एक ऐसा पदार्थ जो हमें खुशी की भावना को बढ़ाता है। अगर आप अनिद्रा से पीड़ित हैं, तो आपको सोने से पहले गर्म दूध जरूर पीना चाहिए।
पुदीना चायइसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पेट के दर्द से राहत देते हैं। पुदीना मांसपेशियों को आराम देने में सहायक है। यदि आपको रात को नींद नहीं आती है या चिंता सताती है, तो आपको सोने से पहले एक कप चाय पीने चाहिए।
चेरी का जूसदूध की तरह चेरी के रस में ट्रिप्टोफैन होता है। इसलिए, यह आपके नींद की गुणवत्ता में सुधार, हार्मोन मेलाटोनिन का उत्पादन कर सकता है। कई अध्ययनों में इस रस को अनिद्रा के इलाज के लिए बेहतर माना गया है।
नारियल का दूधनारियल के दूध में मैग्नीशियम और पोटेशियम, 2 खनिज होते हैं जो मांसपेशियों को आराम देने और अच्छी नींद को बढ़ावा देने में सक्षम हैं। इसके अलावा, यह गुर्दे में रक्तचाप और सूजन को कम करता है। इसकी बड़ी मात्रा में नैचुरल इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो शरीर को संतुलन और आराम देने में सहायक हैं।
केला और बादाम की स्मूदीकेले में पोटेशियम और मैग्नीशियम दो प्रमुख खनिजों के अलावा ट्रिप्टोफैन भी होता है, जो मांसपेशियों के आराम के लिए जरूरी है। फल में एक शांत प्रभाव होता है, जो शारीरिक तनाव को कम करता है। साथ ही, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की इसकी मात्रा पेट को भर देती है और तृप्ति की भावना पैदा करते हैं, जिससे सोने की इच्छा बढ़ती है।
ग्रीन टीयह एंटीऑक्सिडेंट का भंडार है। ग्रीन टी को दिन के किसी भी समय लिया जा सकता है। हालांकि, जब नींद आती है, तो डिकैफ़िनेटेड ग्रीन टी सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें थीनिन होता है, जो शारीरिक तनाव को कम करता है, जिससे आपको रात में अच्छी नींद आने में मदद मिलती है।
बादाम का दूधबादाम में ऐसे कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो गहरी नींद में सहायक हैं। मैग्नीशियम से भरपूर, बादाम का दूध नींद को बढ़ावा देने के लिए बहुत प्रभावी साबित हुआ है। गाय के दूध की तरह, बादाम के दूध में ट्रिप्टोफैन होता है, जो शरीर में मेलाटोनिन का उत्पादन कर सकता है। यह हार्मोन नींद के लिए आवश्यक है।