मेडिकल स्टूडेंट्स अब विदेशों में आसानी से कर सकेंगे प्रैक्टिस, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को मिली WFMC की मान्यता

By आकाश चौरसिया | Published: September 21, 2023 02:00 PM2023-09-21T14:00:07+5:302023-09-21T14:00:07+5:30

एनएमसी में एथिक्स एंड एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड के सदस्य और मीडिया डिवीजन के प्रमुख योगेन्द्र मलिक ने कहा, डबल्यूएफएमई की मान्यता इस बात को रेखांकित करती है कि भारत की मेडिकल शिक्षा वैश्विक मानकों पर खरी उतरी है।

indian Medical students will now be able to practice abroad easily National Medical Commission gets recognition of WFMC | मेडिकल स्टूडेंट्स अब विदेशों में आसानी से कर सकेंगे प्रैक्टिस, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को मिली WFMC की मान्यता

फाइल फोटो

Highlightsहाल में भारत के एनएमसी को 10 साल के लिए ब्ल्यूएफएमई मान्यता का दर्जा दिया है।NMC ने को यह बताते हुए काफी गर्व हो रहा है। WFMC मान्यता के अंदर 706 मेडिकल कॉलेज सम्मलित हो जाएंगे।

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि हाल में भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को 10 साल के लिए वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) मान्यता का दर्जा दिया है। यह तमगा मिलने पर भारतीय मेडिकल के ग्रैजुएट अब ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका सरीके देशों में जा कर प्रैक्टिस कर सकेंगे। 

इसके अलावा आयोग की प्रेस रिलीज में बताया गया है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को यह बताते हुए काफी गर्व हो रहा है कि उन्हें वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन जैसा प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ। यह प्रतिष्ठित मान्यता चिकित्सा क्षेत्र में अपने उच्चतम मानकों के लिए जानी जाती है।

भारतीय राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को यह मान्यता मिलने के बाद उसके 706 मेडिकल कॉलेज इसके परिधि के अंदर आ जाएंगे, जहां के सभी छात्र अब प्रैक्टिस और ट्रेनिंग के लिए विदेश भी जा सकेंगे। आयोग ने बताया है कि अगले 10 सालों में जो भी नए मेडिकल कॉलेज भारत में खुलेंगे, उन्हें भी डबल्यूएफएमई मान्यता प्राप्त रहेगी।      

एनएमसी में एथिक्स एंड एंड मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड के सदस्य और मीडिया डिवीजन के प्रमुख योगेन्द्र मलिक ने कहा, डबल्यूएफएमई की मान्यता इस बात को रेखांकित करती है कि भारत की मेडिकल शिक्षा वैश्विक मानकों पर खरी उतरी है। अह इस सम्मान के प्राप्त होने से भारतीय छात्र अपना करियर बनाने के लिए विदेश भी जा पाएंगे, इसके अलावा इस सम्मान के मिलने से अब विदेशी छात्र भी मेडिकल शिक्षा पाने के लिए भारत का रुख कर सकेंगे।  

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को डब्ल्यूएफएमई से मान्यता प्राप्त होने के बाद सभी भारतीय छात्र विदेशी मेडिकल शिक्षा और अमेरिका लाइंसेसिंग परीक्षा पर शिक्षा आयोग में आवेदन करने के पात्र बन गए हैं।  पीआईबी के मुताबिक, डब्ल्यूएफएमई मान्यता मिलना इतना महत्व रखता है कि देश के सभी मेडिकल संस्थान उच्चस्तरीय अंतरराष्ट्रीय मानक के तहत ट्रेनिंग और शिक्षा पाने में सक्षम बन पाएंगे। 

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