भारत ने विकसित किया ‘स्वाइन फीवर’ को नियंत्रित करने वाला टीका, मात्र दो रुपए में लगेगा

By भाषा | Updated: February 4, 2020 05:23 IST2020-02-04T05:23:45+5:302020-02-04T05:23:45+5:30

आईवीआरआई के अनुसार क्लासिकल स्वाइन बुखार (सीएसएफ) को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण पर्याप्त नहीं हो रहा है। जिसके कारण सूअरों की मृत्यु दर काफी ऊंची है और देश को लगभग 4.29 अरब रुपये की वार्षिक हानि होती है।

India has developed 'Swine Fever' vaccine, it will cost only two rupees | भारत ने विकसित किया ‘स्वाइन फीवर’ को नियंत्रित करने वाला टीका, मात्र दो रुपए में लगेगा

भारत ने विकसित किया ‘स्वाइन फीवर’ को नियंत्रित करने वाला टीका, मात्र दो रुपए में लगेगा

घरेलू वैज्ञानिकों ने सूअरों को घातक ‘क्लासिकल स्वाइन फीवर’ (स्वाइन बुखार) से बचाने के लिए एक नया और किफायती कारगर टीका विकसित किया है। सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। यह संक्रामक बुखार सूअरों के लिए जानलेवा साबित होता है, जिससे देश को सालाना अरबों रुपये का नुकसान होता है।  

आधिकारिक जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में आईसीएआर-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) द्वारा विकसित नया टीका, मौजूदा टीके की तुलना में काफी सस्ता होगा। स्वाइन फीवर का मौजूदा घरेलू टीके 15-20 रुपये प्रति खुराक और कोरिया से आयातित टीका 30 रुपये प्रति खुराक का है। इसकी तुलना में नया टीका केवल दो रुपये में पड़ता है।

आईवीआरआई के अनुसार क्लासिकल स्वाइन बुखार (सीएसएफ) को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण पर्याप्त नहीं हो रहा है। जिसके कारण सूअरों की मृत्यु दर काफी ऊंची है और देश को लगभग 4.29 अरब रुपये की वार्षिक हानि होती है। विशेषज्ञों के अनुसार देश में टीकों की दो करोड़ खुराक की वार्षिक आवश्यकता है जबकि उपलब्धता केवल 12 लाख खुराक की ही है।

पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने टीके के पेशकश किये जाने के बाद कहा, ‘‘यह सीएसएफ वैक्सीन काफी सस्ता है और स्थितियों में बदलाव लाने वाला साबित होगा। हमें इसके व्यावसायीकरण में तेजी लाने की जरूरत है।’’

कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव त्रिलोचन महापात्र ने कहा, भारतीय स्रोत का उपयोग करके नए टीके का विकास किया गया है तथा कोशिका कल्चर तकनीक का उपयोग करके इसकी लाखों खुराक बहुत आसानी से उत्पादित कर देश की आवश्यकता को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि अगले छह महीनों में इस वैक्सीन की बिक्री शुरू हो जाएगी। विभिन्न राज्य सरकारों, निजी निर्माताओं और नेपाल सरकार ने इसमें रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि नए टीके की लागत कम होगी, क्योंकि मौजूदा वैक्सीन की दो खुराक की जगह नये टीके की बस एक खुरराक ही एक वर्ष में देनी होगी।

नए टीके को छह आईवीआरआई वैज्ञानिकों की टीम द्वारा विकसित किया गया है। इस टीम में प्रणब धर, अशोक कुमार तिवारी, एम मनु, विक्रमादित्य उपमन्यु, ऋचा पचौरी और राज कुमार सिंह शामिल थे। अनुसंधान निकाय ने नए आविष्कार के पेटेंट के लिए आवेदन किया है। वर्ष 2019 की पशुगणना के अनुसार भारत में सूअरों की तादाद वर्ष 2007 के एक करोड़ 11.3 लाख की तुलना में 90.6 लाख रह गई है।

Web Title: India has developed 'Swine Fever' vaccine, it will cost only two rupees

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