Monkeypox RT-PCR kit: मंकीपॉक्स वायरस की जांच के लिए भारत की पहली आरटी-पीसीआर किट तैयार, आईसीएमआर से मान्यता मिली
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 25, 2024 03:23 PM2024-08-25T15:23:24+5:302024-08-25T15:24:47+5:30
Monkeypox RT-PCR kit: आंध्र प्रदेश सरकार की अनुसंधान संस्था आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन ने ट्रांसएशिया डायग्नोस्टिक्स के साथ साझेदारी में भारत की पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट के विकास की घोषणा की। यह किट मंकीपॉक्स वायरस की जांच के लिए है।
Monkeypox RT-PCR kit: खतरनाक मंकीपॉक्स वायरस फैलने का खतरा अब अफ्रीका के बाहर नए क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। भारत भी इसे लेकर सचेत है और समय रहते ही इससे निपटने की तैयारियों में जुट गया है। इस बीच आंध्र प्रदेश सरकार की अनुसंधान संस्था आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन ने ट्रांसएशिया डायग्नोस्टिक्स के साथ साझेदारी में भारत की पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट के विकास की घोषणा की। यह किट मंकीपॉक्स वायरस की जांच के लिए है।
इसे ब्रांड नेम एर्बाएमडीएक्स मंकीपॉक्स आरटी-पीसीआर किट के तहत लॉन्च किया गया। मेडटेक अधिकारियों ने इसे मंकीपॉक्स के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित परीक्षण किट बताया है। एएमटीजेड के प्रबंध निदेशक और संस्थापक सीईओ डॉ. जितेंद्र शर्मा ने कहा कि यह सफलता देश के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य और महामारी संबंधी तैयारियों के प्रयासों में एक बड़ी प्रगति का प्रतीक है।
Andhra Pradesh MedTech Zone launches India’s first indigenously developed monkeypox RT-PCR kit, developed in partnership with Transasia Diagnostics Private Limited.
— Andhra Pradesh Capital Region Updates (@APCRUpdates) August 25, 2024
The kit boasts of a 12-month shelf life & zero cross-reactivity with other orthopoxviruses#APMedTechZone#Vizagpic.twitter.com/phm1gsb31c
किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से भी कई परीक्षणों के बाद मान्यता मिल गई है। इसने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से आपातकालीन प्राधिकरण प्राप्त किया है। आरटी-पीसीआर किट की कीमत बाद में तय की जाएगी।
आरटी-पीसीआर किट की शेल्फ लाइफ 12 महीने है
यह किट अपने लियोफिलाइज्ड घटकों के साथ अलग दिखती है, जो इसे परिवेश के तापमान पर शिपिंग और संग्रहीत करने में सक्षम बनाती है। यह सुविधा विशेष रूप से सीमित कोल्ड चेन बुनियादी ढांचे वाले क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है। इस खासियत के कारण किट को सबसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी पहुंचाया जा सकता है। मेडटेक के अनुसार किट 12 महीने की शेल्फ लाइफ और अन्य ऑर्थोपॉक्सवायरस के साथ शून्य क्रॉस-रिएक्टिविटी का दावा करती है।
एमपॉक्स के मामले बढ़ रहे हैं
नए घातक स्ट्रेन के कारण डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मध्य और पूर्वी अफ्रीका, फिलीपींस, स्वीडन और पाकिस्तान में एमपॉक्स के मामले बढ़ गए हैं। यह रोग फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है और जटिलताएं पैदा कर सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से एमपॉक्स को सार्वजनिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया है। अब तक मिले आंकड़ों के अनुसार, अकेले अफ्रीका में एमपॉक्स के क्लेड-1 के 17 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें से 500 लोगों की मौत हो गई. इस साल इसका सबसे ज्यादा प्रकोप डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में देखा गया है।