भारत में पहली बार कोविड के XE वेरिएंट की पुष्टि, अधिकारियों ने कहा- चिंता करने की जरूरत नहीं
By विनीत कुमार | Published: May 3, 2022 09:36 AM2022-05-03T09:36:23+5:302022-05-03T09:39:31+5:30
भारत में कोविड के XE वेरिएंट से जुड़ा मामला मिलने की पुष्टि की गई है। हालांकि यह साफ नहीं हो सकता है कि ये केस कहां से आया है। अधिकारियों ने कहा है कि XE वेरिएंट का केस मिलने से घबराने की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली: भारत में ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट XE के पहले मामले की पुष्टि हुई है। भारतीय SARS-CoV2 जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) की ओर से इसकी पुष्टि गई गई है। INSACOG भारत सरकार की ओर से स्थापित राष्ट्रीय परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है। भारत में इससे पहले भी महाराष्ट्र और गुजरात में XE वेरिएंट के मामले मिलने की बात सामने आई थी पर इनकी पुष्टि नहीं हो सकी थी।
फिलहाल विशेषज्ञों का कहना है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि XE का असर अन्य ओमाइक्रोन सब-वेरिएंट से अलग होता है। नया सब-वेरिएंट ओमाइक्रोन के वर्तमान में प्रमुख BA.2 वेरिएंट की तुलना में केवल 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलने वाला पाया गया है। भारत में कोरोना की तीसरी लहर के पीछे BA.2 वेरिएंट की भूमिका मानी जाती है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक अधिकारी ने बताया, 'देश में अभी तक बेहद कम रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट के बारे में पता चला है। ये भी भौगोलिक रूप से अलग-अलग क्षेत्रों से आए हैं। ऐसे में किसी क्लस्टर फॉर्मेशन जैसी बात अभी तक नहीं देखी गई है।'
बहरहाल, XE सब वेरिएंट का केस कहां से मिला है, इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, दो राज्यों से पहले रिपोर्ट किए गए दो अपुष्ट मामलों में से महाराष्ट्र को लेकर बताया गया कि वह केस सब -वेरिएंट से संबंधित नहीं था।
INSACOG के साप्ताहिक बुलेटिन में XE की पुष्टि ऐसे समय में की गई है जब 12 राज्यों में कोविड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इसकी वजह से मास्क को अनिवार्य कर दिया गया है। इस बीच 25 अप्रैल तक के सरकारी आंकड़ों के अनुसार 19 अन्य राज्यों में भी मामलों में गिरावट भी आई है। INSACOG बुलेटिन में कहा गया है कि Omicron (BA.2) भारत में अभी प्रमुख रूप से सक्रिय है।
बता दें कि कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के सब-वेरिएंट XE में BA.1 के साथ-साथ BA.2 वेरिएंट में पाए जाने वाले म्यूटेशन हैं। इसके बारे में पहली बार ब्रिटेन में जनवरी में पता चला था। वायरस में आनुवंशिक उत्परिवर्तन (genetic mutations) एक सामान्य घटना है। इसके चलते वायरस के स्वरूप में छोटा बदलाव भी कई बार उसे संक्रमित करने या गंभीर रूप बीमार करने की नई क्षमता दे देता है।