मूत्र मार्ग में संक्रमण (Urinary Tract Infection UTI) गुप्तांगों में होने वाली एक बड़ी समस्या है। देर तक पेशाब रोकने, सफाई न रखने, दूषित पानी पीने और डायबिटीज इसके प्रमुख कारण हैं। आंकड़े दर्शाते हैं कि लगभग 12 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इस समस्या से पीड़ित होते हैं।
मूत्र मार्ग में संक्रमण के लक्षण
बार-बार पेशाब का आना, छींकने या खांसते समय थोड़ा सा पेशाब आना, बुखार, चक्कर आना, उल्टी होना, पेट में हल्का दर्द, पेशाब के रंग का बदलना और पेशाब करते वक्त जलन महसूस करना इसके आम लक्षण हैं।
इसके अलावा इस रोग के होने पर आपको पेशाब के दौरान दर्द, जलन, थोड़ा-थोड़ा पेशाब आना, पेशाब में बदबू आना, जोसे पेशाब आने पर पेशाब नहीं आना, पीला पेशाब आना, पेट के निचले हिस्से में बेचैनी, बुखार, थकान, अकड़न, मतली, पीठ दर्द और सेक्स के दौरान दर्द व जलन होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आमतौर पर इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन खानपान में बदलाव करके भी इस दर्दनाक समस्या से बचा जा सकता है। इससे बचने या इस रोग के मरीजों को किसी भी कीमत पर अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल करना चाहिए।
1) क्रैनबेरीक्रैनबेरी में भरपूर मात्रा में पॉलीफेनोल प्रोएन्थोसाइनिडिन (पीएसी) का भंडार हैं। ये संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मूत्र पथ की दीवारों से हटाने में मदद करते हैं और इसलिए यूटीआई को रोकते हैं।
2) अनार अनार विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरा होता है, जो मूत्र पथ के संक्रमण के उपचार और रोकथाम में मदद करता है। इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने वाले विटामिन सी से भरपूर ये फल बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और यूटीआई मरीज की जल्दी ठीक होने में मदद करता है।
4) लौकीलौकी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह प्रभावी रूप से यूटीआई से लड़ने में सहायक है। लौकी क्षारीय है और इसलिए ये मूत्रवर्धक के रूप में जलन से राहत देता है जो पेशाब के समय होती है।
5) बरगद के पेड़ की छालआयुर्वेद के अनुसार, बरगद के पेड़ की छाल मूत्र पथ के संक्रमण जैसे ट्राइकोमोनीस, योनिशोथ और श्रोणि सूजन संक्रमण के उपचार में मदद कर सकती है। आमतौर पर, बरगद के पेड़ की छाल को कैप्सूल या अर्क के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और इसलिए यूटीआई के दर्दनाक लक्षणों से राहत देता है।
6) जौजौ के पानी को मूत्र पथ के संक्रमण सहित कई स्वास्थ्य रोगों के इलाज के लिए जाना जाता है। आपको बस एक पैन में जौ को भूरा होने तक भूनना है। ठंडा होने के बाद, उन्हें एक महीन पाउडर में पीस लें। तीन चम्मच पाउड और दो चम्मच शहद को एक गिलास ठंडा पानी में मिक्स करके पियें।
7) नींबूनींबू का रस विषाक्त पदार्थों और बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है जो यूटीआई के लिए जिम्मेदार हैं। नींबू में मौजूद विटामिन सी संक्रमणों से भी लड़ने में मदद करेगा।
इस बात का रखें ध्यान
अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। सिर्फ घरेलू उपायों पर निर्भर रहने से स्थिति खतरनाक हो सकती है। इसलिए इलाज के साथ-साथ इन उपायों को आजमाने से आपको ज्यादा और जल्दी राहत मिल सकती है।