Heatwave: कितनी गर्मी सहन कर सकता है हमारा शरीर? जानें यहां
By मनाली रस्तोगी | Published: June 13, 2024 02:39 PM2024-06-13T14:39:22+5:302024-06-13T14:40:03+5:30
इंसान की गर्मी या सर्दी सहन करने की एक सीमा होती है। हमारा शरीर एक निश्चित सीमा तक ही गर्मी झेल सकता है। यदि तापमान अधिकतम से अधिक हो तो दिक्कतें होने लगती हैं।
मई और जून की गर्मी झेलना आसान नहीं है। खासकर उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। भीषण गर्मी से इंसान तो इंसान पशु-पक्षी भी परेशान हो रहे हैं। गर्म हवाएं और तेज धूप शरीर का सारा पानी सोख लेती है। गर्मियों के दौरान, डॉक्टर लू से बचने के लिए जितना संभव हो उतना पानी पीने की सलाह देते हैं। हालांकि कई बार पानी का असर बेअसर भी हो जाता है।
अब सवाल यह उठता है कि मानव शरीर कितना तापमान सहन कर सकता है? आइए जानते हैं इस पर वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की क्या राय है। इंडिया टीवी के अनुसार, डॉक्टरों के मुताबिक इंसान का शरीर 37।5 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान झेल सकता है। गर्मी हो या सर्दी, शरीर का आंतरिक तंत्र तापमान को 37।5 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखने का काम करता है।
मस्तिष्क के पीछे का भाग जिसे हाइपोथैलेमस कहा जाता है, शरीर के अंदर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करता है। मानव शरीर को 37.5 डिग्री सेल्सियस पर कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अगर तापमान 2-4 डिग्री ऊपर-नीचे हो तो शरीर को ज्यादा दिक्कत नहीं होती, लेकिन अगर इससे ज्यादा हो तो दिक्कत बढ़ सकती है।
शरीर गर्मी को कैसे नियंत्रित करता है?
-जब हमें बहुत अधिक पसीना आता है और जब हम मुंह से सांस लेते हैं तो शरीर के अंदर का तापमान नियंत्रित होने लगता है।
-जब आपको गर्मी लगती है और आप किसी खुली, हवादार जगह पर जाते हैं तो यह शरीर के अंदर के तापमान को नियंत्रित करता है।
-जब शरीर का तापमान बढ़ता है तो रक्त वाहिकाएं चौड़ी होने लगती हैं और रक्त शरीर के सभी हिस्सों तक आसानी से पहुंचने लगता है।
इन बातों के आधार पर शरीर कितनी गर्मी झेल सकता है?
जब हमारे शरीर द्वारा गर्मी सहन करने की बात आती है तो कई बातों पर विचार करना चाहिए। आप कितने समय तक उस तापमान के संपर्क में रहे हैं, मौसम, पसीना, शारीरिक गतिविधियों और कपड़ों में कितनी नमी है?
ये सभी चीजें शरीर के बढ़े हुए तापमान को नियंत्रित करने में भी मदद करती हैं। तेज धूप और लू से बचने के लिए खूब पानी पिएं। तेज धूप के संपर्क में आने से बचें। नमी होने पर बहुत पसीना आता है इसलिए जितना हो सके उतना पानी पियें। तेज धूप के अचानक संपर्क में आने से बचें। इससे बुखार जैसी स्थिति या हाइपरथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है। यदि तापमान धीरे-धीरे बढ़ता है, तो शरीर इसे आसानी से समायोजित कर लेता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।)