बेहतर स्वास्थ्य बेहतर खानपान पर निर्भर है। अगर आप एक स्वस्थ और लंबा जीवन जीना चाहते हैं, तो आपको खाने-पीने का खास ध्यान रखना चाहिए। बदलती जीवनशैली के चलते बहुत से लोग मजे से ऐसी चीजों का सेवन कर रहे हैं, जो धीरे-धीरे उन्हें मौत के मुंह में धकेल रही हैं। रसोईघर में कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आपको तुरंत बाहर निकाल देना चाहिए, वरना वो समय दूर नहीं है जब आपका शरीर बीमारियों का अड्डा बन जाएगा।
1) चीनीएक्सपर्ट चीनी को सफेद जहर मानते हैं। चीनी क्रिस्टलाइज़ सूक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज का एक संयोजन का एक रूप है, जिसे गन्ने के रस से निकाला जाता है। चीनी के अधिक सेवन से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती है। यह ब्लड ग्लूकोज बढ़ाती है और इंसुलिन के निर्माण को बाधित करती है जिस वजह से डायबिटीज का खतरा होता है।
चीनी के अधिक सेवन से प्रोटीन का सर कम होने लगता है जिससे त्वचा समय से पहले बूढ़ी होने लगती है। चीनी प्रोटीन को खराब करके कोलेजन और इलास्टिन को भी खराब कर देती है। जिसके कारण स्किन में ड्राइनेस और त्वचा पर झुरियां दिखाई देने लगती है।
एक स्टडी में बताया गया ज्यादा फ्रुक्टोज वाली चीजों के सेवन से कैंसर की संभावना अधिक होती है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि चीनी डिप्रेशन से जुड़ी समसयाएं जैसे चिंता और तनाव पैदा करती है और दिमाग के कामकाज को प्रभावित करती है।
2) नमककई लोग ऐसे हैं जो हर चीज में नमक ज्यादा खाने के आदी हैं। इसका परिणाम नुकसानदेह हो सकता है। बाजार में मिलनेवाले बहुत से मसालों, स्नैक्स और अन्य चीजों में भी ज्यादा नमक मिला हुआ होता है। ज्यादा नमक के उपयोग से शरीर में पानी की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि शरीर में सोडियम के लेवल को कंट्रोल करनेवाले कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम की मात्रा घट जाती है।
ज्यादा नमक वाला भोजन लंबे समय तक लेते रहने से दिल की धड़कनें बढ़ने लगती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इससे दिल का दौरा या पैरालीसिस भी हो सकता है। शरीर में सोडियम का लेवल बढ़ने पर यह या तो खून में बना रहता है या किडनी अपनी क्षमता से अधिक काम करके इसे शरीर से बाहर निकाल देती हैं। ये दोनों ही स्थितियां खतरनाक हैं।
3) मैदामैदा एक परिष्कृत गेहूं का आटा है, जिसमें से फाइबर समाप्त कर दिया जाता है। फिर इसके बाद इसे ब्लीच किया जाता है जिससे इसको साफ और सफेद रंग और टेक्सचर दिया जाता है। बहुत ज्यादा मैदा खाने से शरीर का वजन बढ़ना शुरु हो जाता है। इतना ही नहीं, इससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी बढ़ता है। मैदा पेट के लिये इसलिये खराब होता है क्योंकि इसमें बिल्कुल भी फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज होने की शिकायत होती है। मैदा बनाते वक्त इसमें से प्रोटीन निकल जाता है और यह एसिडिक बन जाता है जो हड्डियों से कैल्शियम को खींच लेता है। इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। मैदे को नियमित खाते रहने से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और बार बार बीमार होने की संभावना बढ़ने लगती है।